विषाणु क्या हैं ? विषाणु की संरचना एवं रासायनिक संगठन विषाणु क्या हैं ? यह अतिसूक्ष्म, परजीवी, अकोशकीय और विशेष न्यूक्लियोप्रोटीन कण होते हैं, जो जीवित परपोषी के अंदर रहकर प्रजनन करते हैं, इनको सिर्फ इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ही देखा जा सकता है, विषाणु के अध्ययन को विषाणु विज्ञान कहा जाता है, विषाणु की खोज रूसी वैज्ञानिक इवानोवस्की ने…
Category: प्रश्न – उत्तर
विषाणुओं के जैविक-निर्जीव गुण
विषाणुओं के जैविक-निर्जीव गुण विषाणुओं के जैविक गुण (Living or animate characters of viruses): विषाणुओं का गुणन (multiplication) मात्र जीवित कोशिकाओं में ही हो सकता है। विषाणु, परपोषी के प्रति विशिष्टता (host specificity) दर्शाते हैं। ये जीवाणु व कवक की जैसे किसी भी स्वस्थ पौधे को संक्रमित कर सकते हैं। इनमें न्यूक्लिक अम्ल (DNA or…
पादप व जन्तु विषाणु में क्या अन्तर है ?
पादप व जन्तु विषाणु में क्या अन्तर है ? paudhe aur pashu vaayaras ke beech kya antar hai? पादप व जन्तु विषाणुओं में मुख्य अन्तर हैं – पादप विषाणु जन्तु विषाणु सभी प्रकार के पादप विषाणुओं में आवरण का अभाव होता है। जबकि जन्तु विषाणुओं में यह उपस्थित (जैसे इन्फ्लूएंज्म विषाणु, मम्पस विषाणु) अथवा अनुपस्थित…
वायरस सजीव हैं या निर्जीव ?
वायरस सजीव हैं या निर्जीव ? virus sajeev hai ya nirjeev विषाणु में सजीव व निर्जीव दोनों प्रकार के गुण होते हैं। वाइरस में स्वयं के स्तर पर स्वतंत्र रूप से जनन की क्षमता नहीं होती है, अतः इन्हें सजीव नहीं कहा जा सकता किन्तु ये अकोशिकीय कण परपोषी कोशिकाओं का उपयोग स्वयं के जनन…
जीव जगत का वर्गीकरण | द्विजगत पद्धति | तीन जगत पद्धति | पाँच जगत प्रणाली
जीव जगत का वर्गीकरण | द्विजगत पद्धति | तीन जगत पद्धति | पाँच जगत प्रणाली Animal kingdom in Hindi वर्गीकरण के प्रकार एवं विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये वर्गीकरणों का संक्षिप्त इतिहास (Types of Classification and Brief History of Classifications Given by Different Scientists): जीवविज्ञान के अन्तर्गत समय-समय पर वर्गीकरण पद्धतियों में आवश्यकतानुसार परिवर्तन होते…
पंचजगत वर्गीकरण पद्धति
पंचजगत वर्गीकरण पद्धति पाँच जगत् वर्गीकरण ( Paanch jagat vargeekaran ) इस वर्गीकरण पद्धति को व्हिटेकर ने प्रतिपादित किया था। इस पद्धति में पाँच जगत क्रमश: मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई (कवक), प्लाण्टी एवं ऐनिमेलिया सम्मिलित किये गये। इस पद्धति में जीवों की कोशिका संरचना, थैलस संरचना, कोशिका भित्ति, केन्द्रक झिल्ली, पोषण विधि एवं जनन विधि के…
पादपों का वर्गीकरण
पादपों का वर्गीकरण padpo ka vargeekaran शुरुआत में, लोगों ने पौधों को उनके उपयोगी होने के आधार पर समूहीकृत किया और जानवरों को पाँच अलग-अलग समूहों में रखा गया। लेकिन फिर अरस्तू ने विज्ञान के आधार पर पौधों और जानवरों को समूहीकृत करने का एक नया तरीका निकाला। पौधों को पेड़ों, झाड़ियों और जड़ी-बूटियों में…
बायो से कौन-कौन सी नौकरी मिल सकती है ?
बायो से कौन-कौन सी नौकरी मिल सकती है ? Careers and scope of Biology in Hindi जीवविज्ञान का भविष्य एवं अवसर (Careers and scope of Biology): जीवविज्ञान विषय जीवन के रूपों को वृहद् रूप से समझने की जागृति उत्पन्न करता है जिसको कि प्रायः अनदेखा किया जाता है। जीवविज्ञान विषय का अध्ययन उज्ज्वल भविष्य एवं…
पादपों व जंतुओं में अंतर | Difference Between Plants Animals Hindi
पादप व जन्तुओं में प्रमुख अन्तर पादपों व जंतुओं में अंतर | Difference Between Plants Animals Hindi पादप तथा जन्तुओं में अन्तर (Differences between Plants and Animals): प्रायः निम्नश्रेणी के पादप व जन्तुओं में बहुत ही कम अन्तर पाया जाता है, जैसे-यूग्लीना व पेरामिशियमं को कुछ वनस्पतिशास्त्री इन्हें वनस्पति विज्ञान में वर्गीकृत करते हैं किन्तु…
सजीवता के लक्षण | Characteristics Of Liveliness In Hindi
सजीवता के लक्षण | Characteristics Of Liveliness In Hindi Characteristics Of Liveliness In Hindi सजीवता के लक्षण (Characteristics of livingness): जिसमें जीवन होता है वे जीव सजीव होते हैं। जीवों में कुछ स्पष्ट लक्षण मिलते हैं जैसे वृद्धि, जनन, पर्यावरण के प्रति संवेदना, उपापचय क्रियायें तथा स्वयं को सुसंगठित करने व प्रतिक्रिया करने की क्षमता…