Ancient Civilizations of India ( bhaarat kee praacheen sabhyataane ) | ExamSector
Ancient Civilizations of India ( bhaarat kee praacheen sabhyataane )

भारत की प्राचीन सभ्यताएँ( Ancient Civilizations of India ) 

वैदिक सभ्यता एवं संस्कृति (1500-800 ई. पू.):–

  • सिंधु सभ्यता अथवा हड़प्पा सभ्यता के पतन के पश्चात सैंधव प्रदेश में आर्यों की एक नवीन सभ्यता का विकास हआ जिसे इतिहास में वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। वैदिक सभ्यता के निर्माता आर्य थे। आर्यों के मूल निवास के संबंध में प्रो. मैक्समूलर द्वारा प्रतिपादित मध्य एशिया के सिद्धान्त को अधिकांश विद्वानों द्वारा स्वीकार किया गया है।

वैदिक सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ–

  • समाज पितृसतात्मक था।
  • ऋग्वेदकालीन राजाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिए सभा एवं समिति नाम की दो संस्थाएँ अस्तित्व में थी।
  • सभा छोटी संस्था थी जिसमें राज्य के वरिष्ठ व प्रतिष्ठित नागरिक होते थे। समिति जनसाधारण की बड़ी संस्था थी।
  • यह एक ग्रामीण सभ्यता थी। आर्यों का प्रमुख धन्धा कृषि व पशुपालन था। वर्ष में दो फसलें ली जाती थी।
  • पशुओं में गाय को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। आर्य लोहे से परिचित थे।
  • ऋग्वैदिक काल में आश्रम व्यवस्था नहीं थी। उत्तरवैदिक काल में आश्रम व्यवस्था का प्रादुर्भाव हुआ। इसमें मनुष्य की संपूर्ण जीवन की आयु 100 वर्ष मानकर निम्न चार आश्रम निर्धारित किए गए-
  1. . ब्रह्मचर्य आश्रम (25 वर्ष की आयु तक)- इसमें व्यक्ति विद्याध्ययन करता था।
  2. . गृहस्थाश्रम (25-50 वर्ष ) – इसमें व्यक्ति विवाह कर जीविकोपार्जन एवं गृहस्थी का निर्वहन करता था।
  3.  वानप्रस्थाश्रम (50-75 वर्ष) – इसमें व्यक्ति को वन की ओर गमन करना होता था।
  4.  संन्यासाश्रम (75-100 वर्ष) – इसमें व्यक्ति को सांसारिक मोह माया त्यागनी होती थी।

चार वर्ण : ऋग्वैदिक काल के आरंभ में तीन वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैश्य) थे। ऋग्वेद के दसवें मण्डल के पुरुष सूक्त में पहली बार चार वर्णों का उल्लेख मिलता है- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र।

वैदिक ग्रंथः

वेद :– वेदों के संकलनकर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास’ थे। वेदों की संख्या चार है जो निम्न है–

  1.  ऋग्वेद : सर्वाधिक प्राचीन वेद। उपवेद : आयुर्वेद।
    – ‘असतो मा सद्गमय’ ऋग्वेद से लिया गया है। गायत्री मंत्र भी ऋग्वेदिक मंत्र है।
  2.  यजुर्वेद : वैदिक प्रार्थनाएँ व निवेदन संकलित। उपवेद : धनुर्वेद।
  3.  सामवेद : श्लोकों -का संचय जिन्हें यज्ञ के अवसर पर गाया जाता था। इसका उपवेद गंधर्व वेद है।
  4.  अथर्ववेद : जाद टोने व कर्मकाण्ड से संबंधित मंत्रों का उल्लेख। उपवेद : शिल्पवेद।

महाकाव्य- ये दो हैं–

  1.  महर्षि वाल्मिकी कृत रामायण
  2.  वेद व्यास कृत महाभारत। महाभारत का पहला नाम जयसंहिता था।

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