घड़ी परीक्षण ( Clock Test )
कोणीय स्थिति
- घड़ी में एक अंक से दूसरे अंक के मध्य 30 डिग्री का अंतर होता है।
2. घड़ी की मिनट की सुई एक अंक से दूसरे अंक तक पहुँचने में 5 मिनट का समय लेती है। अत: घड़ी की मिनट की सुई एक मिनट में 5-6 डिग्री का कोण बनाती है।
3. घड़ी की मिनट की सुई एक अंक से दूसरे अंक तक पहुँचने में 60 मिनट का समय लेती है। घड़ी को घण्टे की सुई एक मिनट में 30डिग्री का कोण बनाती है।
दोनों सुइयों के मध्य कोण ज्ञात करना
Type -I
- यदि कोई भी निश्चित समय (केवल घण्टे) देकर दोनों सुइयों के मध्य कोण ज्ञात करना हो तो दिए गए समय को 30 डिग्री से गुणा कर दिया जाता है क्योंकि घड़ी में एक अंक से दूसरे अंक के मध्य हमेशा 30 डिग्री का कोण होता है।
उदाहरण-2 बजे दोनों सईयों के मध्य कितने डिग्री का कोण बनेगा ?
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Type -II
- यदि कोई भी निश्चित समय (घण्टे तथा मिनट) देकर दोनों सुइयों के मध्य कोण ज्ञात करना हो तो उसे निम्न सूत्र के द्वारा हल किया जाता है।।
उदाहरण-2 बजकर 30 मिनट पर घड़ी की घंटे व मिनट की सुइयों के बीच कितने अंश का कोण बनता है?
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=165-60 = 1050
घड़ी संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य
- घड़ी की दोनों सुईयां हर एक घण्टे में एक बार अतिव्यापन (एक-दूसरे के ऊपर) की स्थिति में होती है किन्तु 12 घण्टे में यह स्थिति 11 बार तथा 24 घण्टे में 22 बार होती है। क्योंकि 12 से 1 के मध्य अतिव्यापन की स्थिति नहीं होती।
2. घड़ी की दोनों सुईयां हर एक घण्टे में एक बार विपरीत (180 डिग्री। का कोण) की स्थिति में होती है किन्तु 12 घण्टे में यह स्थिति 11 बार तथा 24 घण्टे में 22 बार होती है। क्योंकि 6 से 7 के मध्य विपरीत स्थिति नहीं होती।
3. घड़ी की दोनों सुईयां हर एक घण्टे में दो बार समकोण (90 डिग्री का कोण) की स्थिति में होती है किन्तु 12 घण्टे में यह स्थिति 22 बार तथा 24 घण्टे में 44 बार होती है। क्योंकि 3 से 4 के मध्य तथा 9 से 10 को मध्य समकोण केवल एक बार ही बनता है। ।
अतिव्यापन की स्थिति
x से y के मध्य दोनों सुईयों के मध्य अतिव्यापन की स्थिति ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
विपरीत स्थिति
- x से y के मध्य दोनों सुईयों के मध्य विपरीत स्थिति ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
नोट:-यदि समय 6 से अधिक हो तो – का चिन्ह प्रयोग किया जाता है और यदि समय 6 से कम हो तो + का चिन्ह प्रयोग किया जाता है।
समकोण या लम्बवत् स्थिति
x से y के मध्य दोनों सुईयों के मध्य विपरीत स्थिति ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
दर्पण प्रतिबिम्ब
- कोई भी समय देकर उसका दर्पण प्रतिबिम्ब पूछा जाए अथवा दर्पण प्रतिबिम्ब देकर उसका वास्तविक समय पूछा जाए दोनों ही स्थितियों में दिए गए समय को 23:60 में से घटाया जाता है, प्राप्त परिणाम ही हमारा उत्तर होगा।
उदाहरण- यदि किसी घड़ी के समय का दर्पण प्रतिबिम्ब 11 बजकर 40 मिनट दिखाई दे रहा हो तो घड़ी का वास्तविक समय क्या होगा
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जल प्रतिबिम्ब
- इस प्रकार के प्रश्नों में दिए गए समय को 17:90 मिनट में से घटाकर घड़ी का वास्तविक समय भी ज्ञात कर लिया जाता है।
- यदि इस प्रकार के प्रश्नों में घड़ी का ऊपरी सिरा नीचे करके रखा जाए तो वास्तविक समय ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम दर्पण से घड़ी का समय ज्ञात करते है और उसमें 6 बजकर 30 मिनट जोड़ दिए जाते है।
उदाहरण-एक घड़ी को जिसमें केवल 3,6.9 तथा 12 के स्थान पर केवल बिन्दु लगे हुए है, दर्पण के सामने उल्टा करके रखा गया है। उसके प्रतिबिम्ब में 4 बजकर 45 मिनट का समय दिखाई देता है। तो घड़ी में वास्तिवक समय क्या है ?
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19 बजकर 15 मिनट का अर्थ है 7 बजकर 15 मिनट, अब इसमें 6 बजकर 30 मिनट जोड़ते है। =7:15+6:30 =13 बजकर 45 मिनट
13 बजने का अर्थ है, 1 बजकर अर्थात् घड़ी में वास्तविक समय 1 बजकर 45 मिनट का हुआ है।
द्वितीय विधि-वास्तविक समय= 17:90-4:45313 बजकर 45 मिनट 13 बजने का अर्थ है, 1 बजकर अर्थात् घड़ी में वास्तविक समय 1 बजकर 45 मिनट का हुआ है।
सूचना से संबंधित प्रश्न
- इस प्रकार के प्रश्नों में समय के अंतराल के साथ एक निश्चित जानकारी दी जाती है जिसके आधार पर पूछे गए प्रश्न का सही समय ज्ञात करना होता है। इस प्रकार के प्रश्नों की विशेष पहचान निम्न प्रकार से होती है
- यह सूचना कब दी गई।
2. यह बात कब कही गई
3. यह उद्घोषणा कब हुई।
4. यह जानकारी कब प्रदान की गई।
उदाहरण- जयपुर से दिल्ली के लिए हर 30 मिनट में बस जाती है। पूछताछ करने पर बाबू ने बताया कि पिछली बस को गये हुए 10 मिनट हो चुके है तथा अगली बस ठीक 12 बजकर 30 मिनट पर जाएगी। तो यह सूचना बाबू द्वारा कब प्रदान की गई?
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12:30-:30+ 10= 12:00+: 10= 12 : 10 मिनट
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