16. निम्नलिखित व्यवहारों में से कौन सा जीन पियाजे के द्वारा प्रस्तावित ‘मूर्त संक्रियात्मक अवस्था’ को विशेषित करता है?
(1) प्रतीकात्मक खेल; विचारों की अनुत्क्रमणीयता
(2) परिकल्पित-निगमनात्मक तर्क; साध्यात्मक विचार
(3) संरक्षण; कक्षा समावेशन
(4) आस्थगित अनुकरण; पदार्थ स्थायित्व
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17. आकलन का प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?
(1) रिपोर्ट कार्ड में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अंकित करना।
(2) विद्यार्थियों के लिए श्रेणी निश्चित करना ।
(3) संबंधित अवधारणाओं के बारे में बच्चों की स्पष्टता तथा भ्रांतियों को समझना।
(4) विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधार पर उनको नामांकित करना।
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18. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा बुद्धि के बारे में सही है ?
(1) बुद्धि बहु-आयामी है तथा जटिल योग्यताओं का एक समूह है।
(2) बुद्धि एक निश्चित योग्यता है जो जन्म के समय ही निर्धारित होती है।
(3) बुद्धि को मानकीकृत परीक्षणों के प्रयोग से सटीक रूप से मापा एवं निर्धारित किया जा सकता है।
(4) बुद्धि एक एकात्मक कारक तथा एक एकाकी विशेषक है।
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19. रूही हमेशा समस्या के एकाधिक समाधानों के बारे में सोचती है । इनमें से काफी समाधान मौलिक होते हैं । रूही किन गुणों का प्रदर्शन कर रही है ?
(1) आत्म-केन्द्रित विचारक
(2) सृजनात्मक विचारक
(3) अभिसारिक विचारक
(4) अनम्य विचारक भनय विचारक
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20. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में उल्लेख की गई ‘समावेशी शिक्षा’ की अवधारणा निम्नलिखित में किस पर आधारित है ?
(1) मुख्यत: व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध करा करके अशक्त बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करना
(2) व्यवहारवादी सिद्धांत
(3) अशक्त बच्चों के प्रति एक सहानुभूतिक
(4) अभिवृत्ति अधिकार-आधारित मानवतावादी परिप्रेक्ष्य
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21. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में, वंचित समूह से संबंधित विद्यार्थियों के द्वारा सहभागिता कम होने की स्थिति में एक शिक्षक को क्या करना चाहिए?
(1) अपनी शिक्षण पद्धति पर विचार करना चाहिए तथा बच्चों की सहभागिता में सुधार करने के लिए नए तरीके ढूँढने चाहिए।
(2) बच्चों को विद्यालय छोड़ने के लिए कहना चाहिए।
(3) इस स्थिति को जैसी है, स्वीकार कर लेना चाहिए।
(4) इन विद्यार्थियों से अपनी अपेक्षाओं को कम करना चाहिए।
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22. एक समावेशी कक्षा में, एक शिक्षक को विशिष्ट शैक्षिक योजनाओं को —
(1) तैयार करने के लिए हतोत्साहित होना चाहिए।
(2) तैयार नहीं करना चाहिए ।
(3) कभी-कभी तैयार करना चाहिए।
(4) सक्रिय रूप से तैयार करना चाहिए।
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23. ‘पठनवैफल्य’ बच्चों के प्राथमिक लक्षण क्या
(1) एक ही गतिविषयक कार्य को बार-बार दोहराना
(2) न्यून-अवधान विकार
(3) अपसारी चिंतन ; पढ़ने में धाराप्रवाहिता
(4) धाराप्रवाह पढ़ने की अक्षमता
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24. संवेग एवं संज्ञान एक दूसरे से ___ हैं।
(1) संबंधित नहीं
(2) पूर्णतया अलग
(3) स्वतंत्र
(4) सन्निहित
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25. संरचनावादी ढाँचे में, अधिगम प्राथमिक रूप से
(1) अवबोधन की प्रक्रिया पर केंद्रित है।
(2) यंत्रवत् याद करने पर आधारित है।
(3) प्रबलन पर केंद्रित है।
(4) अनुबंधन द्वारा अर्जित है।
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26. ‘अनेक घटनाओं के बारे में बच्चों के द्वारा बनाए गए ‘सहजानुभूत सिद्धांतों’ के संदर्भ में एक शिक्षिका को क्या करना चाहिए ?
(1) प्रतिकूल प्रमाण एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करके बच्चों के इन सिद्धान्तों को चुनौती देनी चाहिए।
(2) बच्चों के इन सिद्धान्तों को अनदेखा करना चाहिए।
(3) बच्चों को दंडित करना चाहिए ।
(4) बार-बार याद करने के द्वारा एक सही सिद्धांत से ‘बदल’ देना चाहिए।
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27. छात्र केंद्रित शिक्षाशास्त्र की क्या विशेषता है ?
(1) योग्यता के आधार पर विद्यार्थियों को नामांकित करना तथा वर्गीकरण करना
(2) केवल पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर होना
(3) बच्चों के अनुभवों को प्रमुखता देना
(4) यंत्रवत् याद करना ,
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28. संरचनावादी सिद्धान्तों के अनुसार अधिगम के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है ?
(1) अधिगम सक्रिय विनियोजन के द्वारा ज्ञान की संरचना की प्रक्रिया है।
(2) अधिगम पुनरुत्पादन एवं स्मरण की प्रक्रिया है।
(3) अधिगम यंत्रवत् याद करने की प्रक्रिया है।
(4) अधिगम आवृत्तीय संबंध के द्वारा व्यवहारों का अनुबंधन है।
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29. विद्यार्थियों को स्पष्ट उदाहरण एवं गैर-उदाहरण देने के क्या परिणाम है?
(1) यह अवधारणात्मक समझ के बजाय कार्यविधिक/प्रक्रियात्मक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करता है।
(2) अवधारणात्मक परिवर्तनों को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक प्रभावशाली तरीका है।
(3) यह विद्यार्थियों के दिमाग मे भ्रांतियाँ उत्पन्न करता है।
(4) यह अवधारणाओं की समझ में अभाव पैदा करता है।
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30. बच्चों को अधिगम गतिविधियों में भागीदारी करने के लिए लगातार पुरस्कार देना व दंड का प्रयोग करने से क्या प्रभाव पड़ता है ?
(1) अधिगम में बच्चों की स्वाभाविक अभिरुचि तथा जिज्ञासा कम होती है।
(2) बाहरी अभिप्रेरणा कम होती है ।
(3) आंतरिक अभिप्रेरणा बढ़ती है।
(4) यह बच्चों को प्रदर्शन आधारित लक्ष्यों के बजाय निपुणता पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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