CTET Exam Paper 8th December 2019 Answer Key

CTET Exam Paper 8th December 2019 Answer Key

CTET Answer Key 8th December 2019, The Official CTET Answer Key 2019 for Paper 1 and Paper 2 of the Central Teacher Eligibility Test Examination held on 8th December 2019 expected to release 4-5 days after the exam.

CTET 2019 Exam Question Paper I And II Answer Key – 8th December 2019 CTET Question Paper Answer Key All Sets  . उम्मीदवारो ने  08th  December 2019 को CTET Exam दिया है .CTET Exam Paper 8th December 2019 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।

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CTET Answer Key 8 December 2019 Paper 1 (CHILD DEVELOPMENT AND PEDALOGY / बाल विकास एंव शिक्षाशास्त्र )

Exam Paper :- Central Teacher Eligbility Test ( CTET )
Part =  4 ( Hindi )
Exam Date =   8th December 2019
Exam Time = 9:30 Am to 12:00 Pm
Total Question =   30

Part = 4

Subject = Hindi 

निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (91 से 99 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले – विकल्प को चुनिए:
आधुनिक शिक्षा का नतीजा हमने देख लिया । हमने उस शिक्षा का नतीजा भी देख लिया, जिसमें ‘विकसित विज्ञान’ का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है, जिसके कारण व्यक्ति को कहीं भी या कितना भी मिलने के बावजूद तृप्ति नहीं होती । इसका कारण यही है कि शिक्षा के स्वाभाविक और आवश्यक अंगों को छोड़कर हमने ऐसे विषयों पर अधिक ध्यान दिया, जो मनुष्य का एकतरफा विकास करते हैं, जिनके कारण व्यक्तित्व का बड़े-से-बड़ा भाग अतृप्त रह जाता है । बाल्यावस्था में भी कला-शिक्षा को अभी तक उचित स्थान नहीं मिला है । जहाँ मिलता भी है, वहाँ बच्चा ग्यारह-बारह वर्ष का होते ही उसके शिक्षा-क्रम में से कला-प्रवृत्तियों को निकाल दिया जाता है। ऐसा ही हर्बर्ट रीड ने कहा है :
“हमारा अनुभव हमें बताता है कि हर व्यक्ति ग्यारह साल की उम्र के बाद, किशोर-अवस्था और उसके बाद भी सारे जीवन-काल तक किसी-न-किसी कलाप्रवृत्ति को अपने भाव-प्रकटन का जरिया बनाये रख सकता है । आज के सभी विषय-जिन पर हम अपनी एकमात्र श्रद्धा करते हैं, जैसे- गणित, भूगोल, इतिहास, रसायनशास्त्र और यहाँ तक कि साहित्य भी – जिस तरह पढ़ाये जाते हैं, उन सबकी बुनियाद तार्किक है । इन पर एकमात्र जोर देने के कारण कला-प्रवृत्तियाँ, जो भावनाप्रधान होती हैं, पाठ्यक्रम से करीब-करीब निकल जाती हैं। ये प्रवृत्तियाँ केवल पाठ्यक्रम से ही नहीं निकल जाती, बल्कि इन तार्किक विषयों को महत्त्व देने के कारण व्यक्ति के दिमाग से भी बिलकुल निकल जाती हैं । किशोरअवस्था को इस तरह गलत रास्ते पर ले जाने का नतीजा भयानक हो रहा है । सभ्यता रोज-ब-रोज बेढब होती जा रही है । व्यक्ति का गलत विकास हो रहा है । उसका मानस अस्वस्थ है, परिवार दुखी है । समाज में फूट पड़ी है और दुनिया पर ध्वंस करने का ज्वर चढ़ा है । इन भयानक अवस्थाओं को हमारा ज्ञान-विज्ञान सहारा दे रहा है । आज की तालीम भी इसी दौड़ में साथ दे रही है।”

91. अनुच्छेद के आधार पर हमें किस पर सर्वाधिक ध्यान देने की ज़रूरत है?
(1) विज्ञान पर
(2) कला प्रवृत्ति पर
(3) किशोरावस्था पर
(4) बाल्यावस्था पर

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Answer =   2  

92. अनुच्छेद के अनुसार गणित, भूगोल, इतिहास आदि विषय
(1) तर्क प्रधान हैं।
(2) भाव प्रधान हैं।
(3) कला प्रधान हैं।
(4) बोध प्रधान हैं।

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Answer =  1   

93. ज्ञान-विज्ञान को बहुत अधिक महत्त्व देने के कारण
(1) समाज उन्नति कर रहा है।
(2) समाज में विभाजन हो रहा है।
(3) व्यक्ति सृजन की राह पर है।
(4) व्यक्ति विध्वंस की राह पर नहीं है।

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Answer =   2  

94. किशोरावस्था तार्किकता की प्रधानता और भाव के अभाव में__का रास्ता अपना रही है।
(1) पतन
(2) ज्ञान
(3) प्रगति
(4) कर्म

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Answer =   1  

95. इनमें से कौन सा शब्द समूह से भिन्न है ?
(1) तार्किक
(2) स्वाभाविक
(3) साहित्यिक
(4) अभिव्यक्ति

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Answer =    4

96. ‘आज की तालीम भी इसी दौड़ में साथ दे रही है।’ वाक्य में निपात है
(1) आज
(2) भी
(3) इस
(4) में

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Answer =  2   

97. ‘विकसित’ शब्द में प्रत्यय है
(1) सित
(2) इत
(3) त
(4) सत

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Answer = 2    

98. अनुच्छेद के आधार पर कहा जा सकता है कि आधुनिक शिक्षा का नतीजा
(1) सुखद है।
(2) दुःखद है।
(3) औसत है।
(4) पता नहीं।

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Answer =   3  

99. आधुनिक शिक्षा में किस विषय को सबसे अधिक महत्त्व दिया जाता है?
(1) कला को
(2) भाषा को
(3) विज्ञान को
(4) इतिहास को

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Answer =   3  

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न 100 से 105 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:

साकार, दिव्य गौरव विराट !
पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल!

मेरी जननी के हिमकिरीट!
मेरे भारत के दिव्य भाल!

मेरे नगपति! मेरे विशाल!
युग-युग अजेय, निबंध,
मुक्त, युग-युग गर्वोन्नत नित महान,
निस्सीम व्योम में तान रहे,

युग से किस महिमा का वितान?
कैसी अखंड यह चिर समाधि?
यतिवर! कैसा यह अमर ध्यान?
तू महाशून्य में खोज रहा

किस जटिल समस्या का निदान? उ
लझन का कैसा विषम-जाल

मेरे नगपति! मेरे विशाल !
100. ‘हिमकिरीट’ का आशय है
(1) ठंडा मुकुट
(2) बर्फ का मुकुट
(3) चाँदी का मुकुट
(4) स्वर्णिम मुकुट

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Answer =   2  

101. ‘नगपति’ का विग्रह और समास होगा
(1) रत्नों (नग) का पति – तत्पुरुष
(2) नगों (पर्वतों) का पति है जो – कर्मधारय
(3) नगों (पर्वतों) का पति – तत्पुरुष
(4) नगों का पति है जो, ऐसा – बहुव्रीहि

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Answer =    2 

102. किस पंक्ति में कहा गया है कि हिमालय शक्ति की ज्वालाओं का ढेर है?
(1) युग-युग अजेय, निबंध, मुक्त
(2) मेरे भारत के दिव्य भाल
(3) पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल
(4) साकार, दिव्य गौरव विराट

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Answer =  3   

103. ‘जिसे जीता न जा सके’ उसके लिए कविता में कौन सा शब्द प्रयुक्त हुआ है ?
(1) अजेय
(2) अखंड
(3) अमर
(4) दिव्य

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Answer =   1  

104. ‘निस्सीम’ शब्द में कौन सी संधि है?
(1) स्वर
(2) व्यंजन
(3) विसर्ग
(4) दीर्घ

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Answer =  3   

105. हिमालय को ‘यतिवर’ ! कहकर संबोधित किया गया है, क्योंकि वह
(1) भारत का प्रहरी है।
(2) पर्वतों का स्वामी है।
(3) समाधि में लीन है।
(4) समस्या का हल ढूँढ़ रहा है।

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Answer =    4 
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