Haryana HTET PGT exam paper 16 November 2019 Level 3
Haryana HTET PGT exam paper 16 November 2019 Answer Key (Child Development and Pedagogy) Level 3. Haryana HTET PGT exam paper 16 November 2019 Answer Key (Child Development and Pedagogy). HTET PGT LEVEL3 examination held on 16/11/2019 in Haryana state Answer Key.
Exam Paper: | HTET PGT examination 2019 |
Subject: | Child Development and Pedagogy ( बाल विकास एंव शिक्षाशास्त्र ) |
Exam Date: | 16/11/2019 (3 PM to 5:30 PM) |
Total Question: | 30 |
Haryana HTET PGT exam paper 2019
Part – 1 बाल विकास एंव शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy)
1. पूर्व अधिगम द्वारा वर्तमान अधिगम को धनात्मक रूप से सुसाध्य बनाना, उदाहरण के तौर पर योग संक्रिया द्वारा गुणा संक्रिया को सहायता (सुसाध्य) करना। इस प्रकार का अधिगम स्थानान्तरण कहलाता है :
(1) ऊर्ध्वाधर
(2) आनुक्रमिक
(3) पार्वीय
(4) द्विपार्वीय
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2. विद्यालय का प्रजातान्त्रिक संगठन अधिगम को प्रभावित करता है, अधिगम का यह कारक सम्बन्धित है:
(1) विधि विज्ञान पक्ष से
(2) सामाजिक पक्ष से
(3) कार्यिकी पक्ष से
(4) मनोवैज्ञानिक पक्ष से
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3. निम्नलिखित में से कौन-सी योजना विद्यार्थियों के समस्या समाधान में सुधार करने के लिए उपयुक्त नहीं है ?
(1) विद्यार्थियों की प्रकार्यात्मक नियतता
(2) वास्तविक-विश्व समस्याओं के समाधान के लिए व्यापक अवसर देना
(3) बालकों के समस्या समाधान में माता-पिता को सम्मिलित करना
(4) विद्यार्थियों की समस्या समाधान की प्रभावी और अप्रभावी योजनाओं को मॉनीटर (प्रबोधन) करना
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4. रोहन बाहुबली की नवीनतम चित्र कथा पुस्तक पढ़ रहा है क्योंकि वह इस बात का इन्तजार नहीं कर सकता कि बाहुबली और उसके परिवार के साथ क्या हुआ। यह सही उदाहरण है :
(1) केवल आन्तरिक अभिप्रेरणा का
(2) केवल बाह्य अभिप्रेरणा का
(3) आन्तरिक और बाह्य दोनों प्रकार की अभिप्रेरण का
(4) न तो आन्तरिक और न ही बाह्य अभिप्रेरणा का
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5. सांस्कृतिक पूर्वाग्रह (पक्षपात) से बचाव के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी एक अच्छी आकलन योजना है?
(1) विभिन्न विधियों का उपयोग विद्यार्थियों के आकलन के लिए करना
(2) एक अच्छे मानकीकृत परीक्षण का उपयोग करना
(3) मानवजातीय विभिन्नताओं को आनुवंशिकता के कारण मानना
(4) आकलन के उद्देश्य के लिए पोर्टफोलियो के उपयोग से बचना
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6. कोहलबर्ग के सिद्धान्त में किस स्तर पर नैतिक विकास बाह्य मानकों पर आधारित नहीं होकर
आन्तरीकरण पर आधारित होता है ?
(1) पूर्व-प्रचलन स्तर
(2) प्रचलन स्तर
(3) पश्च प्रचलन स्तर
(4) आपसी अंतर्वैयक्तिक स्तर
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7. एक बालक का आहार, उसकी लम्बाई कितनी होगी इसको प्रभावित करता है और यहाँ तक कि बालक कितने प्रभावी तरीके से चिन्तन करेगा एवं समस्याओं का समाधान करेगा इसे भी प्रभावित करता है। इस उदाहरण में विकास मुख्यतः प्रभावित होता है :
(1) आनुवंशिकी द्वारा
(2) वातावरण द्वारा
(3) प्रारम्भिक और बाद के अनुभवों द्वारा
(4) सततता (निरन्तरता) द्वारा
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8. निम्नलिखित में से कौन-सी योजना विद्यार्थियों में क्रान्तिक (आलोचनात्मक) चिन्तन कौशल के विकास को सर्वोत्तम प्रकार से पोषित करती है ?
(1) एक बहुचयनात्मक (बहुविकल्पी) परीक्षण देना
(2) विद्यार्थियों से महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक तिथियों की कालरेखा बनवाने का कार्य करवाना
(3) विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यपत्रक करने को देना जिसमें उन्हें उनकी पाठ्य पुस्तकों में दिये गये तथ्यों को पुनःस्मरण करना हो
(4) विद्यार्थियों को इस तरह के कथन प्रस्तुत करना कि “लाल बहादुर शास्त्री अपने महानतम प्रधानमन्त्री थे” कथन का समर्थन अथवा खण्डन कीजिए
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9. एरिक्सन के अनुसार, जटिल समाज में किशोर-किशोरियाँ निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्था का अनुभव अधिक करते हैं ? (1) तादात्म्य (पहचान) संकट
(2) पहचान उपलब्धि
(3) पहचान विलम्बन
(4) पहचान मोचन-निषेध (फॉरक्लोजर)
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10. किशोर विद्यार्थियों के साथ कार्य करते समय एक अध्यापक के लिए सर्वाधिक उपयुक्त कार्य योजना है :
(1) विद्यार्थियों से तुलना करने के लिए कहना
(2) एक समस्या प्रस्तुत कर विद्यार्थियों से परिकल्पनाओं का निर्माण करवाना
(3) बालकों को क्रमवार संक्रियाओं में अनुभव प्रदान करना
(4) एक झुका हुआ समतल अथवा पहाड़ी को बनाना/निर्माण करना
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11. वे बालक न्यून दृष्टि के माने जाते हैं जिनकी दृष्टि तीक्ष्णता होती है :
(1) 20/70 से 20/200
(2) दोष निवारक लेन्सों के साथ 20/20 दृष्टि
(3) दोष निवारक लेन्सों के साथ 6/6 दृष्टि
(4) 20/10 से 20/30
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12. अधिगमकर्ता (शिक्षु) केन्द्रित अनुदेशनात्मक योजना जिसमें विद्यार्थी अध्यापक के प्रश्नों और निर्देशों की सहायता से अपनी समझ को निर्मित करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, वह है :
(1) अन्वेषी अधिगम
(2) मार्गदर्शित अन्वेषी अधिगम
(3) समस्या आधारित अधिगम
(4) प्रायोजना आधारित अधिगम
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13. बालक के लक्षण, जब वह किसी कार्य पर केन्द्रित नहीं रह पाता, आवेगपूर्ण क्रिया करता है, सामाजिक नियमों की परवाह नहीं करता है और कुंठा के समय विद्वेषता के साथ अनापशनाप बोलने लग जाता है, संकेत हैं :
(1) अवधान न्यूनता अतिसक्रियता विकार के
(2) मंद अधिगमकर्ता (सीखने वाला) के
(3) मानसिक मंदता के
(4) स्मृति लोपन के…
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14. ………., सामाजिक संज्ञान सिद्धान्त से उसी प्रकार सम्बन्धित हैं जिस प्रकार वाइगोट्स्की सामाजिक निर्मितिवाद सिद्धान्त से सम्बन्धित हैं।
(1) स्किनर
(2) सँग्लर
(3) पियाजे
(4) बण्डूरा
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15. ब्रॉन्फेनब्रेनर की पारिस्थितिकी सिद्धान्त के अनुसार, विद्यार्थी का परिवार, साथी और विद्यालय आदि उसके विकास को प्रभावित करते हैं और ये सम्बन्ध रखते हैं :
(1) काल तन्त्र से
(2) सूक्ष्म तन्त्र से
(3) बृहत तन्त्र से
(4) बाह्य तत्र से