ग्रह तथा उपग्रह क्या है ? परिभाषा ,प्रकार व अंतर | ExamSector
ग्रह तथा उपग्रह क्या है ? परिभाषा ,प्रकार व अंतर

ग्रह तथा उपग्रह क्या है ? परिभाषा ,प्रकार व अंतर

Planet and Satellite in Hindi

ग्रह तथा उपग्रह (Planet and Satellite)

  • वे आकाशीय पिण्ड जो सूर्य के चारों ओर अपनी-अपनी कक्षाओं में परिक्रमण करते रहते हैं, ग्रह कहलाते हैं। सौर मण्डल में नौ ग्रह होते हैं जैसे – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्च्यून तथा प्लूटो ।
  • वे आकाशीय पिण्ड जो ग्रहों के चारों ओर परिक्रमण करते रहते हैं, उपग्रह कहलाते हैं जैसे चन्द्रमा पृथ्वी का एक प्राकृतिक उपग्रह है। आर्यभट्ट तथा INSAT-B पृथ्वी के कृत्रिम उपग्रह हैं।

ग्रह और उपग्रह में अंतर:

  1. ग्रह प्राकृतिक होते हैं, जबकि उपग्रह प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकते हैं.
  2. ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, जबकि उपग्रह ग्रहों के चारों ओर घूमते हैं.
  3. ग्रहों का निर्माण तारों से निकलने वाली गैस और धूल से होता है.
  4. उपग्रहों का निर्माण ग्रहों के बनने के बाद बची हुई गैस और धूल से होता है.
  5. ग्रह अपने केन्द्रों के माध्यम से अदृश्य अक्षों के चारों ओर घूमते हैं.
  6. ग्रहों को तारकीय पिंडों के रूप में परिभाषित किया जाता है.
  7. उपग्रह किसी विशिष्ट ग्रह के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी करते हैं.
  • ग्रहों के कुछ उदाहरण: बृहस्पति, सूर्य|
  • उपग्रहों के कुछ उदाहरण: चंद्रमा, स्पुतनिक-1, गैनिमीड|

उपग्रह के प्रकार (Types of Satellite)

उपग्रह दो प्रकार के होते हैं –

1. भू-स्थिर उपग्रह (Geostationary or Parking Satellites)

  • यदि किसी कृत्रिम उपग्रह की पृथ्वी तल से ऊँचाई इतनी हो कि इसका परिक्रमण काल ठीक पृथ्वी की अक्षीय गति के परिक्रमण काल (24 घण्टे) के बराबर हो, तो वह उपग्रह पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर रहेगा। इस प्रकार के उपग्रह भू-स्थिर उपग्रह या तुल्यकाली उपग्रह कहलाते हैं।
  • भू-स्थिर उपग्रह पृथ्वी तल से 35830 (= 36000) किमी की ऊँचाई पर 12200 किमी त्रिज्या की कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा पश्चिम से पूर्व की ओर करते हैं तथा इसका आवर्तकाल 24 घण्टे तथा इसकी कक्षा की त्रिज्या लगभग 42400 किमी होती है। इनका कोणीय वेग, पृथ्वी के अपनी अक्ष पर घूर्णन के कोणीय वेग के ठीक बरावर तथा रेखीय चाल 3.1 किमी/से होती है। इन उपग्रहों का उपयोग दूर संचार तथा अन्य संचार प्रणालियों के लिए किया जाता है।
  • उदाहरण – INSAT-2B तथा INSAT-2C भारत के तुल्यकाली उपग्रह हैं। इनका उपयोग दूरदर्शन कार्यक्रमों, दूरभाषी संवादों व रेडियो संकेतों को दूर-दूर के स्थानों तक संचारित करने में किया जाता है।

2. ध्रुवीय उपग्रह (Polar Satellites)

  • ये उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमण करते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी तल से 500 किमी से 8800 किमी ऊँचाई तक की ध्रुवीय कक्षा में उत्तर से दक्षिण दिशा में परिक्रमण करते हैं। इनका आवर्तकाल लगभग 84 मिनट होता है।
  • उदाहरण – भारत में PSLV श्रेणी के सभी ध्रुवीय उपग्रह |
  • इन उपग्रहों का उपयोग मौसम के विषय में जानकारी देने में, बादलों के चित्र लेने में, वायुमण्डल तथा ओजोन परत के बारे में सूचना प्राप्त करने में किया जाता है।
  • भू-स्थिर उपग्रहों का उपयोग कम दूरी के लिए, जबकि ध्रुवीय उपग्रहों का उपयोग दीर्घकालिक पूर्वानुमान लगाने में किया जाता है।

उपग्रहों के उपयोग (Uses of Satellites)

कृत्रिम उपग्रह के कुछ महत्त्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं

(i) रेडियों द्वारा संचार, दूरदर्शन कार्यक्रमों, दूरभाषी संवादों व आदि में किया जाता है।
(ii) सूर्य व अन्तरिक्ष से आने वाली विकिरणों का अध्ययन किया जाता है।
(iii) वायुमण्डल के ऊपरी क्षेत्रों का अध्ययन किया जाता है।
(iv) मौसम के बारे में पूर्व जानकारी प्राप्त की जाती है।
(v) पृथ्वी के आकार तथा पृथ्वी पर तेल व मूल्यवान खनिजों की जानकारी प्राप्त की जाती है।
(vi) चन्द्रमा व अन्य ग्रहों पर पहुँचकर उनका अध्ययन किया जाता हैं ।
(vii) विमान चालकों द्वारा उपग्रहों को दिशा-निर्देशक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(viii) उल्का पिण्डों का अध्ययन किया जाता है।
(ix) अन्य देशों की जासूसी करने व युद्ध काल में शत्रु के बारे में जानकारी प्राप्त करने में प्रयोग किया जाता है।

उपग्रह की ऊर्जा (Energy of Satellite)

  • जब कोई पृथ्वी का उपग्रह अन्तरिक्ष में छोड़ा जाता है, तो वह अधिक मात्रा में ऊर्जा निहित करता है, इस ऊर्जा को बन्धन ऊर्जा (binding energy) भी कहते हैं।

ऊर्जा के पक्ष में विचार निम्न प्रकार हैं

  1. उपग्रह को ऊपर भेजने के लिए स्थितिज ऊर्जा आवश्यक होती है।
  2. उपग्रह को एक निश्चित ऊँचाई की कक्षा में भेजने के लिए गतिज ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  3. उपग्रह की बन्धन ऊर्जा (या कुल ऊर्जा ) E = GmM / 2r ( परिमाण में) होती है।
  4. जहाँ, r = उपग्रह की कक्षीय त्रिज्या, m = उपग्रह का द्रव्यमान और M = पृथ्वी का द्रव्यमान बन्धन ऊर्जा सदैव ऋणात्मक होता है।

Gravitational force Questions – Answers in Hindi

1. दो वस्तुओं के बीच आकर्षण बल को ………..कहा जाता है। [RRB 2018]
(a) अपकेन्द्रीय बल
(b) गुरुत्वाकर्षण बल
(C) अभिकेन्द्रीय बल
(d) विद्युत चुम्बकीय बल

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उत्तर ⇒ { b }

2. सूर्य के चारों ओर घूमने वाले पृथ्वी के लिए कौन-सा बल जिम्मेदार है ! [SSC 2017]
(a) चुम्बकीय बल
(b) विद्युत चुम्बकीय बल
(c) अनुदैर्ध्य बल
(d) गुरुत्वाकर्षण बल

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उत्तर ⇒ { d }

3. ब्रह्माण्ड में किन्हीं दो निकायों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल …… पर निर्भर नहीं करता है । [ RRB 2018]
(a) गुरुत्वीय स्थिरांक
(b) उनके द्रव्यमानों के गुणनफल
(c) उनके द्रव्यमानों के योग
(d) उनके बीच की दूरी

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उत्तर ⇒ { c }

4. गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण के बराबर होता है। [SSC 2018]
(a) द्रव्यमान तथा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण त्वरण के गुणनफल
(b) द्रव्यमान तथा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण त्वरण के अनुपात
(c) गुरुत्वाकर्षण बल के कारण त्वरण तथा द्रव्यमान के अनुपात
(d) द्रव्यमान तथा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण त्वरण के गुणनफल के व्युत्क्रमानुपाती

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उत्तर ⇒ { a }

5. गुरुत्वीय बल के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है? [NDA 2018]
(a) यह ब्रह्माण्ड के सभी पिण्डों पर लगता है।
(b) यह खगोलीय पिण्डों के बीच कए प्रभावी बल है।
(c) परमाणुओं के लिए यह बल नगण्य है।
(d) यह हमारे ब्रह्माण्ड में पिण्डों के सभी युग्मों के लिए एकसमान होता है।
उत्तर ⇒ ???????

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ग्रह तथा उपग्रह क्या है ? परिभाषा ,प्रकार & अंतर FAQ – 

Q. वर्तमान में कुल कितने उपग्रह है?

  • इस समय लगभग 2465 कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।

Q. 9 ग्रह का नाम क्या है?

  • सूर्य से दूरी के अनुसार, वे हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून ।
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