रक्त संबंध ( Blood Relation )
- इस अध्याय के अन्तर्गत परीक्षार्थी को दो या दो से अधिक व्यक्तियों के संबंध में विवरण दिया जाता है। हमें उस विवरण के आधार पर उन व्यक्तियों के मध्य संबंध ज्ञात करके पूछे गए व्यक्ति का संबंध ज्ञात करना होता है।
रक्त संबंध
- रक्त संबंधी प्रश्नों में निपुणता के लिए व्यक्तियों का आपस में जो संबंध बनता है उसे किस नाम से जाना जाता है, इस तथ्य का ज्ञान होना आवश्यक है। अग्रांकित सारणी में इसका विवरण दिया गया है।
हिन्दु संस्कृति के अनुसार रिश्ते
माँ या पिता का पुत्र-भाई | माँ या पिता की पुत्री-बहिन |
माँ का भाई-मामा | पिता का छोटा भाई-चाचा |
पिता का बड़ा भाई-ताऊ | बुआ का पति-फुफा |
माँ की बहिन-मौसी | माँ का पिता-नाना |
पिता की बहिन-बुआ | पिता का पिता-दादा |
माँ की माँ-नानी | पुत्र की पत्लि-पुत्रवधु |
पिता की माता-दादी | पलि की बहिन-साली |
पुत्री का पति-दामाद | पलि का भाई-साला |
पति की बहिन-ननद | पति का भाई-जेठ |
पति का छोटा भाई-देवर | भाई का पुत्र-भतीजा |
भाई की पुत्री-भतीजी | पलि/पति का पिता-ससुर |
पलि/पति की माता-सास | बहन का पति-बहनोई |
- जिस व्यक्ति के साथ का/की/क/से शब्द आते है उस व्यक्ति को सबसे पहले लिखना चाहिए।
2. पुरुषों के लिए + का चिन्ह तथा महिला के लिए 1-1 का चिन्ह प्रयोग करना चाहिए।
3. रिश्ते के प्रश्नों में अधिकांशतः प्रथम व अंतिम व्यक्ति का संबंध ज्ञात करना होता है, इसके लिए अग्रांकित बिन्दु ध्यान में रखने चाहिए।।
(अ) यदि पूछे गए प्रश्न में दोनों व्यक्तियों के साथ का तथा से शब्द आते है तो हमेशा उस व्यक्ति का संबंध ज्ञात करना होता है जिसके साथ का शब्द आया हो। उदाहरण:-राम का श्याम से क्या संबंध है ? हल:- इस वाक्य का अर्थ है कि राम, श्याम का क्या लगता है।
(ब) यदि पूछे गए प्रश्न में दोनों व्यक्तियों में से किसी एक व्यक्ति के साथ। का अथवा से शब्द आता है तो हमेशा उस व्यक्ति का संबंध ज्ञात करना होता है जिसके साथ ये दोनों ही शब्द नहीं आये हो।।
उदाहरण:-श्याम, राम से किस प्रकार संबंधित है ?
अथवा
उदाहरण:-श्याम, राम का क्या लगता है ?
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हल:- दोनों वाक्यो का एक ही अर्थ है कि श्याम राम का क्या लगता है अर्थात् श्याम का संबंध राम से बताना है।
नोट:- इस वंश क्रम के आधार पर प्रश्न को हल करते समय अपने आपको मध्य में रखकर दो पीढ़ी ऊपर तथा दो पीढ़ी नीचे का ध्यान रखना चाहिए।
महत्वपूर्ण तथ्य
- इकलौता शब्द उस रिश्ते का केवल एक व्यक्ति होने का संकेत करता है।
(अ) इकलौता पुत्र का अर्थ है पुत्र तो केवल एक है, पुत्री और भी हो सकती है।
(ब) इकलौती पुत्री का अर्थ है पुत्री तो केवल एक है, पुत्र और भी हो सकते है।
(स) इकलौती संतान का अर्थ है केवल एक ही संतान चाहे वह पुत्र हो या पुत्री।
2. रिश्ते सम्बन्धी प्रश्नों को हल करते समय अंग्रेजी अनुवाद को भी पढ़ लेना चाहिए, जिससे समान स्तर के रिश्तों के हिन्दी अनुवाद करने से होने वाली गलतियों से बचा जा सकता है। कई बार परीक्षक नाती या नातिन के स्थान पर पोता या पोती, मामा के स्थान पर चाचा तथा भाँजी/भाँजा के स्थान पर भतीजी/भतीजा भी दे देता है अत: इन शब्दों को ही सही माना जाए।
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