शैवाल क्या है ? , प्रमुख लक्षण, प्रजनन, आवास

शैवाल क्या है ? , प्रमुख लक्षण, प्रजनन, आवास (What is Algae ,Reproduction in Algae And Characteristics of Algae in Hindi)

What is Algae ,Reproduction in Algae And Characteristics of Algae in Hindi

शैवाल (Algae):

  • शैवाल या एल्गी (Algae) पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है, जो प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करता है। शैवालों के अध्ययन को फाइकोलॉजी (Phycology) कहते हैं।
    शैवाल प्रायः हरितलवक युक्त (Cholorophyllous), संवहन ऊतक रहित (Non Vascular) स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं। इनका शरीर शूकाय सदृश (Thalloid) होता है। ये ताजे जल, समुद्री जल, गर्म जल के झरनों, कीचड़ एवं नदी, तालाबों में पाए जाते हैं। कुछ शैवालों में गति करने के लिए फ्लेजिला (Flagella) पाये जाते हैं। बर्फ पर पाये जाने वाले शैवाल को क्रिप्टोफाइट्स (Cryptophytes) तथा चट्टानों पर पाये जाने वाले शैवाल को लिथोफाइट्स (Lithophytes) कहते हैं।

शैवाल के प्रमुख लक्षण (Characteristics of Algae) :-

  • शैवाल में पाये जाने वाले कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं–
    1. शैवाल की कोशिकाओं में सैल्यूलोज (Cellulose) की बनी कोशिका-भित्ति (Cell wall) पायी जाती है।
    2. शैवाल में भोज्य पदार्थों का संचय मण्ड (Starch) के रूप में रहता है।
    3. इनका जननांग प्रायः एककोशिकीय (Unicellular) होता है और निषेचन के बाद कोई भ्रूण नहीं बनाते।
    4. ये अधिकांशतः जलीय (समुद्री तथा अलवण जलीय दोनों ही) होते हैं।
    5. कुछ शैवाल नमीयुक्त स्थानों पर भी पाए जाते हैं।
    6. इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रायः हरा वर्णक उपस्थित रहता है।
    7. शैवालों में तीन प्रकार के वर्णक (Pigment) पाये जाते हैं—हरा(Green); लाल (Red) एवं भूरा (Brown) | इन्हीं तीन वर्णकों के आधार पर शैवालों को तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है
    (i) क्लोरोफाइसी (Chlorophyceae) – हरा वर्णक
    (ii) रोडोफाइसी (Rhodophyceae) — लाल वर्णक
    (iii) फीयोफाइसी (Pheophyceae) – भूरा वर्णक
    8. इनमें प्रजनन अलैंगिक एवं लैंगिक दोनों ही विधियों द्वारा होता है।

शैवालों का आवास (Habitat of Algae) :

  • शैवाल ताजे जल, समुद्री जल, गर्म जल के झरनों, नमीयुक्त स्थानों, कीचड़, नदियों, तालाबों आदि में पाये जाते हैं। ये पेड़ों के तनों तथा चट्टानों पर भी पाये जाते हैं। कुछ शैवाल अधिपादप (Epiphytes) के रूप में दूसरे पौधों पर पाये जाते हैं। जैसेऊडोगोनियम (Oedogonium)| प्रोटोडर्मा (Protoderma) एक ऐसा शैवाल है जो कछुए की पीठ पर उगता है। क्लेडोफोरा नामक शैवाल घोंघे के ऊपर रहता है। इतना ही नहीं कुछ शैवाल जन्तुओं के शरीर के अन्दर भी वास करते हैं, जैसे-जूक्लोरेला (Zoocholorella) नामक शैवाल निम्नवर्गीय जन्तु हाइड्रा (Hydra) के अंदर पाया जाता है। जूक्लोरेला तथा हाइड्रा का सम्बन्ध (Association) सहजीवन (Symbiosis) का उदाहरण है। कुछ शैवाल परजीवी (Parasite) भी होते हैं, जैसे- सीफेल्यूरोस (Cephaleuros)जो चाय, कॉफी आदि की पत्तियों पर होते हैं । पड़ा का छालों, दीवारों तथा चट्टान आदि पर साइमनसिएला (Simon siella) शैवाल पाया जाता । जासालटोरिया (Oscillatoria) मनुष्य एवं दूसरे जन्तुओं की आँतड़ियों (Intestine) में पाया जाता है।

शैवालों में प्रजनन (Reproduction in Algae) –

  • शैवालों में निम्नलिखित तीन प्रकार की प्रजनन क्रिया होती है–
  • कायिक प्रजनन (Vegetative Reproduction) – शैवालों में कायिक प्रजनन की क्रिया खंडन द्वारा, हार्मोगोन द्वारा, प्रोटोनीमा द्वारा तथा एकाइनेट द्वारा होता है।
  • अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction) – शैवालों में अलैंगिक प्रजनन की क्रिया चलबीजाणु द्वारा, अचलबीजाणु द्वारा, हिप्नोस्पोर द्वारा, आटोस्पोर द्वारा तथा इंडोस्पोर द्वारा होता है।
  • लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction) – शैवालों में लैंगिक प्रजनन की क्रिया समयुग्मक विषमयुग्मक तथा अण्डयुग्मक द्वारा होता है।

What is Algae ,Reproduction in Algae And Characteristics of Algae in Hindi

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