पवन ऊर्जा क्या है? इसके प्रकार तथा उपयोग | ExamSector
पवन ऊर्जा क्या है? इसके प्रकार तथा उपयोग

पवन ऊर्जा क्या है? इसके प्रकार तथा उपयोग

Wind Energy in Hindi

पवन ऊर्जा (Wind Energy)

  • गतिशील हवा को पवन कहते हैं। यह एक प्रकार की गतिज ऊर्जा है तथा पवन ऊर्जा का उपयोग यांत्रिक कार्यों को करने में किया जा सकता है। इसके वेग से टरबाइनों को चलाकर विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है । पवन जितनी तेज गति से चलती है, विद्युत ऊर्जा उतनी ही अधिक प्राप्त होती है

पवन की गतिज ऊर्जा का कार्य के रूप में उपयोग निम्न प्रकार हैं

  • (i) पवन ऊर्जा का उपयोग अनाज पीसने की चक्कियों को चलाने के लिए किया जाता है।
  • (ii) पवन ऊर्जा का उपयोग पवन चक्की द्वारा जल-पम्प चलाकर, पृथ्वी के अन्दर से पानी खींचने हेतु किया जाता है। गुजरात के ओखा नामक स्थान पर 1 मेगावाट शक्ति की पवन चक्की लगी हुई है।
  • (iii) पवन ऊर्जा का उपयोग पालदार नावों को नदियों तथा समुद्र में चलाने के लिए किया जाता है। इस प्रकार की नावों द्वारा व्यक्तियों तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।
  • (iv) पवन ऊर्जा द्वारा विद्युत उत्पादन भी किया जाता है। गुजरात के पोरबन्दर में लांबा नामक स्थान पर पवन ऊर्जा से 50 टरबाइनें चलाई जाती हैं, जिनकी क्षमता 2 अरब यूनिट बिजली उत्पन्न करने की है।

भारत में बड़ी-बड़ी पवन फार्में (Larger Wind Farms in India)

पवन फार्म (Wind farm) उत्पादक (Producer) राज्य (State) वर्तमान क्षमता ( मेगावाट में)
मुप्पंडल पवन फार्म मुप्पंडल पवन तमिलनाडु 1500
जैसलमेर पवन फार्म सुजलाँन ऊर्जा राजस्थान 1275
ब्रहमनवेल (Brahmanvel) परख ऐग्रो कारखाना महाराष्ट्र 528
दालगाँव कैडरमरीन एक्सपोर्ट महाराष्ट्र 278
चकाला पवन फार्म सुजलाँन ऊर्जा महाराष्ट्र 217
वंकुसवाडे (Vankusawade) सुजलाँन ऊर्जा महाराष्ट्र 189

पवन चक्की (Wind Mill)

  • पवन चक्की एक ऐसी युक्ति है, जिसमें वायु की गतिज ऊर्जा ब्लेडों को घुमाने में प्रयुक्त की जाती है। पवन चक्की की संरचना वस्तुतः एक विशाल वैद्युत पंखे के समान होती है। जिसे किसी दृढ़ आधार पर कुछ ऊँचाई पर खड़ा कर दिया जाता है।

पवन चक्की का सिद्धान्त (Principle of Wind Mill)

  • जब तेज हवा का प्रहार पवन चक्की के ब्लेडों पर पड़ता है तब इस पर लगे बल के कारण पवन चक्की के ब्लेड घूर्णी गति करने लगते हैं।
  • पवन चक्की की पंखुड़ियों की घूर्णी गति का उपयोग अधिक मशीनों को चलाने जैसे जल पंप, आटामिलो तथा विद्युत उत्पादन करने में किया जाता है।
  • डेनमार्क को पवनों का देश कहते हैं। देश की 25% से भी अधिक विद्युत की पूर्ति पवन चक्कियों के विशाल नेटवर्क द्वारा विद्युत उत्पादन करके की जाती है। जर्मनी भी इस क्षेत्र में अग्रणी है। जबकि भारत का पवन ऊर्जा द्वारा विद्युत उत्पादन करने वाले देशों में पांचवा स्थान है।

पवन ऊर्जा क्या है? इसके प्रकार तथा उपयोग

पवन उत्पादन (Wind Generator)

  • पवन चक्की का उपयोग पवन टरबाइन द्वारा विद्युत उत्पादन में किया जाता है तथा पवन जनित्र द्वारा उत्पादित विद्युत का उपयोग पवन ऊर्जा में किया जाता है। जब पवन, टरबाइन के ब्लेडों से टकराती है तब छोटे विद्युत जनित्र की कुण्डली घूर्णी गति करने लगती है जिससे विद्युत उत्पन्न होती है।

पवन ऊर्जा फार्म (Wind Energy Farm)

  • व्यवसायिक उददेश्य के लिए, अधिक पवन चक्कियों को लगाने के लिए अधिक क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है। अतः ऐसे स्थानों को पवन ऊर्जा फार्म कहते हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि पवन ऊर्जा द्वारा लगभग 45000 मेगावाट विद्युत शक्ति का उत्पादन किया जा सकता है। तमिलनाडु में कन्याकुमारी के समीप भारत का विशालतम पवन ऊर्जा फार्म स्थापित किया गया है जो 380 मेगावाट विद्युत उत्पादन करता है।

पवन चक्की के लाभ निम्न प्रकार हैं

  • (i) पवन चक्की नवीकरणीय ऊर्जा का एक पर्यावरणीय हितैषी एवं दक्ष स्रोत है।
  • (ii) इसके द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए बार-बार धन खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • (iii) यह प्रदूषण उत्पन्न नहीं करता है।

पवन के दोहन की निम्न सीमाएँ हैं

  • (i) पवन ऊर्जा फार्म केवल उन्ही क्षेत्रों में स्थापित किए जा सकते हैं जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तेज हवाएँ चलती हैं। (ii) पवन जेनरेटरों को चलाने के लिए हवा का न्यूनतम वेग 15 किमी / घण्टा होना चाहिए जोकि हमेशा सम्भव नहीं है।
  • (iii) 1 मेगावाट के जेनरेटर की क्षमता वाले पवन ऊर्जा फार्म को लगाने के लिए भूमि के बहुत बड़े भाग (लगभग 2 हेक्टेयर) की आवश्यकता होती है।
  • (iv) पवन ऊर्जा फार्म को स्थापित करने की आरम्भिक लागत अत्यधिक होती है।
  • (v) पवन चक्की के ब्लेड पृथ्वी के प्राकृतिक प्रकोप, प्राकृतिक थपेड़ो (जैसे भारी बारिश, तेज गर्मी तथा चक्रवाती तूफान ) आदि को सहन करते हैं इसलिए इनका रख-रखाव महँगा पड़ता है।
  • (vi) पवन ऊर्जा फार्म स्थानीय वर्षा कालक्रम में बाधा डालते हैं।

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पवन ऊर्जा (Wind Energy) FAQ  :- 

1. 1 kwH कितने जूल के बराबर होते हैं:-
A. 1000 जूल
B. 3.6 ×10⁵ जूल
C. 3.6×10⁶ जूल
D. 3.6× 10³ जूल

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उत्तर ⇒ { C. 3.6 ×10⁶ जूल }

2)1HP(horse power) का मान किसके बराबर होते हैं:-
A. 500वाट
B. 240 वाट
C. 340 वाट
D. 746 वाट

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उत्तर ⇒ { 4. 746 वाट }

3) किसी h मीटर उँचाई पर स्थित वस्तु मे संचित होती है:-
1.स्थितिज उर्जा
2.गतिज उर्जा
3.गुरुत्व उर्जा
4.चुम्बकीय उर्जा

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उत्तर ⇒ { 1. स्थितिज उर्जा }

4) शक्ति का SI मात्रक है:-
1.वाट
2.जूल
3.टेसला
4.ओम

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उत्तर ⇒ { 1. वाट }

5) कार्य का SI मात्रक है:-
1. वाट
2.जूल
3.टेसला
4. ओम

उत्तर ⇒ ???????

Q. पवन ऊर्जा के जनक कौन है?

  • नई दिल्ली: भारत में पवन ऊर्जा के जनक माने जाने वाले सुजलॉन एनर्जी के फाउंडर तुलसी तांती का निधन हो गया है. हार्ट अटैक के कारण तुलसी तांती का शनिवार को निधन हो गया.

Q. बायोगैस में कितनी ऊर्जा होती है?

  • एक घन मीटर बायोगैस में लगभग 4700 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है।
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