ओपन सोर्स कन्टेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम (Open Source Content Management System)

ओपन सोर्स कन्टेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम (Open Source Content Management System)

Open Source Content Management System in Hindi

नमस्कार दोस्तों
आप सब का स्वागत है  examsector.com  में। दोस्तों इस पोस्ट की मदद से में आपको Open Source Content Management System के बारे में बताऊंगा। दोस्तों अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी तो आपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना।
कन्टेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम या CMS एक वेब एप्लीकेशन है जो Non-technical यूज़र्स को website मैनेज, Edit और Add करना बहुत आसान बना देता है। कन्टेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम न केवल वेबसाइट यूज़र्स को Content Editing की साथ सहायता प्रदान करता है बल्कि बहुत अधिक behind the scenes” का कार्य भी प्रदान करता है। जैसे-

  • नेविगेशन एलिमेण्ट को स्वयं जनरेट (Generate) करना।
  • कन्टेन्ट को खोजनीय (Searchable) और सूचकांकीय (Indexable) बनाना।
  • CMS, संगठनों में वेब आवश्यक्तानुसार; जैसे- इण्टरनेट पोर्टल (Internal Portal), ई-कॉमर्स (E-Commerce), व्यवसायिक अनुप्रयोग की सूचना विकसित करने की कढ़ी को जोड़ता है।
  • कुछ प्रसिद्ध CMS के उदाहरण; जूमला (Joomla), वर्डप्रेस (WordPress) एवं डूपल (Drupal) आदि है।

जूमला (Joomla)

  • जूमला शब्द का अर्थ है – सभी एक साथ या सम्पूर्ण।
  • जुमला मैम्बो (Mambo) CMS, 2005 की एक शाखा है। जूमला वेब पर छोटे व बड़े अनुप्रयोगों के लिए प्रयोग की जाती है। जूमला वेब डेवलपर्स (Web Developers) के द्वारा कॉपेरिट वेबसाइट बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय रूप से उपयोग की जाती है।
  • जूमला कई सविधाएँ जैसे – पोलिंग के द्वारा बिल्ट-इन (Built-In), स्वयंचलित टेक्स्ट खोजना, ई-कॉमर्स के लिए प्लग-इन (Plug-In) आदि प्रदान करता है। जुमला की प्रोग्रामिंग भाषा PHP, SQL, MYSQL, HTML एवं CSS हैं। यह जावास्क्रिप्ट (JavaScript) का भी उपयोग करती है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर है जो अन्य प्लेटफॉर्म; जैसे – Windows, Mac OS X और Linux पर भी कार्य कर सकता है।

जुमला का आर्किटेक्चर (Architecture of Joomla)

जूमला तीन संरचनाओं पर बनाई जाती है जो निम्नलिखित हैं

1. एक्सटेन्शन लेयर (Extension Layer)

  • यह एप्लीकेशन एवं फ्रेमवर्क लेयरों को लचीलापन प्रदान करती है। यह एक ऐसा भाग प्रदान करती है, जिसका प्रयोग जुमला कोर विकसित करने में किया जा सकता है। एक्सटेन्शन लेयर के भाग मॉड्यूल (Module), अवयव (Element) और टेम्पलेट (Template) हैं।

2. एप्लीकेशन लेयर (Application Layer)

  • एप्लीकेशन लेयर के अन्तर्गत जे-इन्सटॉलेशन (J-Installation), जे-ऐडमिनिस्ट्रेशन (J-Administration), जे-साइट (J-Site) और एक्सएमएल-आरपीसी (XML-RPC) इत्यादि आते हैं। जे-इन्सटॉलेशन का कार्य वेब सर्वर पर जूमला को इन्सटॉल करना होता है। जे-ऐडमिनिस्ट्रेशन जुमला के बैक-एण्ड (Back-End) में एडमिनिस्ट्रेटिव लॉगइन (Administrative Login) करने के लिए प्रयुक्त होता है। जे-साइट जुमला वेबसाइट के फ्रण्ट एण्ड (Front End) को नियन्त्रित करता है। एक्सएमएल-आरपीसी ऐसा प्रोटोकॉल है जो जूमला एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्शन को रिमोट एक्सेस करने के काम आता है।

3 हेमवर्क लेयर (Framework Layer)

  • फ्रेमवर्क जुमला की  संरचना का मुख्य भाग है। यह लेयर, फ्रेमवर्क, लाइब्रेरी व प्लगइन की बनी होती है। यह मॉडर्न ऑब्जेक्ट ओरिएण्टिड डइन 2odern Object Oriented Design) पर आधारित है।

वर्डप्रेस (WordPress)

  • वर्डप्रेस का चुनाव छोटी वेबसाइट (सौ पेज या उससे कम) के लिए किया जाता है। यह सामान्यत: क्रमबद्ध वेबसाइट होती है, जिसे सरलता से निर्वाह Maintain) व विकसित किया जा सकता है। वर्डप्रेस को अन्य प्रणालियों की भाँति कठिन साइटों पर कार्य करने के अनुसार नहीं आँका जा सकता, परन्तु इसमें इमेज का विकास व एडिटिंग (Editing), टेक्स्ट (Text) एवं मॉड्यूलों पर मल्टी एड (Multi Add) सरलता से किया जाता है।

 ड्रूपल (Drupal)

  • इसका चुनाव बहुत कठिन साइटों के लिए किया जाता है। यह लचीला व शक्तिशाली है। इसमें आप अपनी आवश्यकतानुसार विस्तृत नियम निर्धारित कर सकते हैं। यह वेव 2.0 (Web 2.0) व कम्यूनिटी कार्यक्षमता (Community Functionality) को मजबती से सपोर्ट करती है। इसके द्वारा कन्टेन्ट एडमिनिस्ट्रेटर कन्टेन्टों की खोज व विकास सरलता से कर सकते है। यह डेटा स्ट्रक्चर और एप्लीकेशन को बेहद लचीला करता है।

इने भी जरूर पढ़े –

Reasoning Notes And Test 

सभी राज्यों का परिचय हिंदी में।

राजस्थान सामान्य ज्ञान ( Rajasthan Gk )

Solved Previous Year Papers

History Notes In Hindi

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Leave A Comment For Any Doubt And Question :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *