पादप जगत (Plant Kingdom)
पादप जगत (Plant Kingdom) Plant Kingdom Notes in Hindi
Plant Kingdom Notes in Hindi
- जीवों के आधुनिक वर्गीकरण (Modern classification) के अनुसार, जीवमण्डल (Biosphere) के सभी बहुकोशिकीय (Multicellular), प्रकाश संश्लेषी (Photo synthetic), ससीम केन्द्रकी (Eucaryotic), उत्पादक (Producer) एवं स्वपोषी (Autotrophic) जीवों को पादप जगत (Plant Kingdom) के अन्तर्गत रखा गया है। पादप जगत में अब तक 3.5 लाख जीवों को सम्मिलित किया जा चुका है।
- आधुनिक वर्गीकरण के आधार पर पादप जगत को निम्नलिखित ढंग से विभाजित किया गया है–
थैलोफाइटा (Thallophyta):-
- थैलोफाइटा के अन्तर्गत मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के शैवाल (Algae), कवक (Fungi) तथा जीवाणु (Bacteria) आते हैं। थैलोफाइटा का शरीर जड़, तना एवं पत्तियों में विभाजित नहीं रहता है, लेकिन यह एक थैलस (Thallus) के रूप में रहता है, इसलिए इन्हें थैलोफाइटा कहते हैं। इनमें संवहनीय ऊतक नहीं पाया जाता है।
ब्रायोफाइटा (Bryophyta):–
- ब्रायोफाइटा भ्रूण (Embryo) बनाने वाले पौधों का सबसे साधारण व आद्य (Primitive) समूह है। इनमें संवहन ऊतक (Vascular tissue) नहीं होता है। ये पौधे स्थलीय (Terrestrial) होने के साथ छायादार एवं नम (Moist) स्थानों पर उगते हैं। इन्हें अपने जीवन काल में पर्याप्त आर्द्रता की आवश्यकता होती है। अतः कुछ वैज्ञानिक ब्रायोफाइटा समदाय को वनस्पति जगत का एम्फीबिया वर्ग कहते हैं। इन्हें प्रथम स्थलीय पौधा माना जाता है।
ट्रैकियोफाइटा (Tracheophyta):–
- ट्रैकियोफाइटा प्रभाग में उन पादपों को सम्मिलित किया गया है जिनमें संवहनी ऊतक (Vascular tissue) पाये जाते हैं। इस प्रभाग में अब तक 2.75 लाख जातियों की खोज की जा चुकी है। इस प्रभाग को पुनः तीन उप-प्रभाग में विभाजित किया गया है
1. टेरिडोफाइटा (Pteridophyta)
2. अनावृत्तबीजी (Gymnosperm) तथा
3. आवृत्तबीजी (Angiosperm)
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