कोशिका की आकृति एवं आमाप

कोशिका की आकृति एवं आमाप 

कोशिका की आकृति एवं आमाप in Hindi

  • सजीवों में पायी जाने वाली कोशिकाओं की संख्या, आकृति एवं आमाप में विविधता होती है। किसी जीव में केवल एक कोशिका हो सकती है जिसमें जैव प्रक्रम एक ही कोशिका द्वारा सम्पादित होते हैं। कुछ अन्य जीवों में अनेक कोशि लकर विभिन्न प्रकार्य सम्पादित करती है। अमीबा, पैरामीशियम तथा जीवाणु जैसे जीवों का शरीर केवल एक कोशिका का बना होता है। इसलिए इन्हे एककोशिकीय जीव (Unicellular Organism) कहते हैं। दूसरी ओर वे जीव जिनमें अनेक कोशिकाएँ होती हैं, बहुकोशिकीय जीव (Multicellular Organism) कहलाते हैं। बहुकोशिकीय जीव के शरीर में लाखों की संख्या में कोशिकाएँ होती हैं।
  • बहुकोशिकीय पौधों तथा जन्तुओं में कोशिकाएँ विभिन्न आकृति (Shape) की हो सकती हैं। कोशिकाएँ अधिकतर गोलाकार होते हैं परन्तु उनकी आकृति में बहुत अधिक भिन्नता होती है। ये कोशिकाएँ घनाकार या स्तम्भाकार हो सकती हैं। कुछ जन्तु कोशिकाएँ लम्बी तथा शाखान्वित (तंत्रिका कोशिका) होती हैं।
  • अधिकतर कोशिकाएँ अति सूक्ष्म होती हैं जो सामान्यतः किसी युक्ति के बिना आँखों द्वारा दिखायी नहीं देती हैं। कुछ सेंटीमीटर लम्बी कोशिकाओं को भी केवल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। सूक्ष्मतम कोशिका का आकार 0.1 माइक्रॉन होता है जो माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) जीवाणु में पायी जाती है। जन्तुओं की पेशी कोशिका तथा जूट एवं सन जैसे पौधों के रेशे की कोशिकाएँ कुछ सेंटीमीटर लम्बी होती हैं। अण्डे के केन्द्र में पाया जाने वाला पीला पदार्थ जिसे पीतक (Yolk) कहा जाता है, भी एक कोशिका है। यह उबले अण्डे में स्पष्ट दिखायी देती है। शुतुरमुर्ग के अण्डे का आमाप 170 mm होता है, जो सर्वाधिक बड़ी कोशिका का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे बिना किसी युक्ति की सहायता से देखा जा सकता है।

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