Introducation of Biology
- बायोलॉजी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द बायोस (जीवन) और लोजिया (का अध्ययन) से हुई है। जीवन के अध्ययन को जीव विज्ञान भी कहा जाता है। आधुनिक जीव विज्ञान वस्तुतः सभी रूपों पौधे, जीव-जंतुओं आदि के जीवन का अध्ययन है।
- जीव विज्ञान को विज्ञान की एक शाखा के रूप में स्थापित करने का श्रेय अरस्तु को दिया जाता है। इसलिए अरस्तु (Aristotle) को जन्तु विज्ञान का जनक (father of Biology) कहा जाता है।
- जीवधारियों के अध्ययन के लिए ‘बायोलॉजी’ (Biology) शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1801 ई. में लैमार्क और ट्रेविरेन्स ने किया था।
जीव विज्ञान क्या है?
- जीव-जंतुओं के वैज्ञानिक अध्ययन के रूप में जीव विज्ञान हाल ही में विकसित हुआ है। दरअसल कोई भी जीव एक जीवित वस्तु होता है जो उच्च रूप से संगठित होता है। जीवधारियों के उद्भव एवं विकास के प्रश्न ने मानव मस्तिष्क को सदा ही उद्वेलित किया है।
जीवन का पिरामिड
- यह स्पष्ट रूप से नुकीला और ढलान वाला पिरामिड है। इसमें जैविक संगठन का एक स्तर शारीरिक संरचनाओं और गैर-शारीरिक संरचनाओं के बीच अंतर्संबंधों के साथ-साथ इसके आकार और जटिलता की निश्चित मात्रा को निरूपित करता है।
- इस पिरामिड में जैविक संगठन के क्रमबद्ध 12 क्षैतिज स्तर होते हैं। स्तर XII सबसे बड़ा और सबसे जटिल है। शीर्ष या शिखर पर स्थित इसके नीचे और अंदर स्थित सभी अन्य स्तर इसमें शामिल हैं। आगे, अन्य प्रत्येक स्तर में पिरामिड के आधार के समीप स्थित निचले स्तर शामिल होते हैं। जैसे-जैसे हम पिरामिड में ऊपर की ओर आगे बढ़ते हैं, आकार और जैविक पद्धति की जटिलता बढ़ती जाती है।
- ‘इस आकृति को जीवन का पिरामिड क्यों कहा जाता है?’ कारण यह है कि जीवन पिरामिड के एक निश्चित स्तर (स्तर V) पर शुरू होता है और फिर जैविक संगठन (स्तर VI-XII) के प्रत्येक उच्च स्तर के माध्यम से ऊपर की ओर बढ़ता है। पिरामिड के 12 स्तर इस प्रकार हैं :
- उप परमाण्विक कण, परमाणु, अणु, ऑर्गनेल्स, कोशिका, ऊतक, अंग, अंग प्रणालियां, जीव, जनसंख्या, समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र । स्तर V (कोशिकाओं) को जीवन रेखा कहा जाता है। यह दर्शाता है कि कोशिका जैविक संगठन का न्यूनतम स्तर होती है। जीवन रेखा के ऊपर के सभी स्तर में भी जीवित वस्तुएं शामिल होती हैं। स्पष्ट है कि जनसंख्या, समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र पिरामिड के जीवन स्तर से ऊपर हैं।
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