प्रकाश एवं छाया

प्रकाश एवं छाया

प्रकाश एवं छाया Notes in Hindi

  • प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जिसके कारण ही हमारा वस्तुओं को देखना सम्भव होता है।

प्रकाश के स्रोत- 

  • सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है। जो वस्तुएँ सूर्य की तरह स्वयं प्रकाश का उत्सर्जन करती हैं उन्हें ‘दीप्त पिंड’ (प्रकाश स्रोत) कहते हैं।
    प्रकाश का सरल रेखा में गमन- प्रकाश एक सीधी रेखा में गमन करता है।

पारदर्शी, अपारदर्शी एवं पारभासी वस्तुएँ –

  • पारदर्शी वस्तुएँ- ऐसी वस्तुएँ\ जिनके आर-पार प्रकाश अच्छी तरह से गुजर सकता है तथा जिनके दूसरी तरफ स्थित वस्तुओं को हम स्पष्ट देख सकते हैं, उन्हें पारदर्शी कहते हैं। काँच, वायु, साफ जल, कुछ प्लास्टिक आदि पारदर्शी वस्तुओं के उदाहरण है।
  • अपारदर्शी वस्तुएँ- ऐसी वस्तुएँ जिनमें से प्रकाश नहीं गुजर सकता है तथा जिनके दूसरी तरफ स्थित वस्तु को हम बिल्कुल नहीं देख पाते हैं, उन्हें अपारदर्शी कहते हैं। धातुएँ, लकड़ी, गत्ता, पत्थर आदि अपारदर्शी वस्तुओं के उदाहरण हैं।
  • पारभासी वस्तुएँ- ऐसी वस्तुएँ जो अपने में से प्रकाश को आशिक रूप से ही गुजरने देती हैं तथा जिनके हमें स्पष्ट दिखाई नहीं देती है, उन्हें पारभासी कहते हैं। जैसे- घिसा हुआ काँच, तेल लगा पेपर, बटर पेपर आदि पारभासी वस्तुओं के उदाहरण हैं।
    जब प्रकाश किसी अपारदर्शी वस्तु पर गिरता है तो वस्तु के पीछे दीवार या पर्दे पर जो आकृति बनती है, उसे छाया कहते हैं। छाया प्रकाश स्त्रोत के विपरीत दिशा में बनती है।
  • प्रच्छाया एवं उपछाया- प्रकाश के स्रोत और वस्तु के ठीक सामने दीवार पर गहरी छाया बनती है, जिसे प्रच्छाया कहते हैं। इस गहरी छाया (प्रच्छाया) के चारों ओर हल्की-सी छाया बनती है, जिसे उपछाया कहते हैं।

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