हरियाणा के वन्यजीव अभयारण्य

कलेसर वन्यजीव अभयारण्य

  • हरियाणा के यमुनानगर जिले में अवस्थित यह अभयारण्य पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
  • यह 11,570 एकड भूमि पर विस्तृत है। यहाँ साम्बर, चीतल, भौंकने वाले हिरण, नीलगाय आदि निवास करते हैं।
  • इस अभयारण्य को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।

बीर शिकारगढ़ वन्यजीव अभयारण्य

  •  यह अभयारण्य हरियाणा के पंचकुला जिले में अवस्थित है।
  •  इसे वर्ष 1975 में अभयारण्य बनाया गया। यह 10.93 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत है। यहाँ साम्बर, चीतल, नीलगाय आदि निवास करते हैं।
  • यह अभयारण्य वनस्पतियों और जन्तुओं की विविधता के लिए प्रसिद्ध  हैं।

छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लगभग 29 किमी विस्तृत है।
  •  यह अभयारण्य शीतकालीन पक्षियों को आकर्षित करता है।
  •  पर्यावरण की दृष्टि से इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।

नाहर वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के रेवाडी जिले मे संरक्षित वन के रूप अवस्थित है।
  • यहॉ सियार, लोमडी, काला हिरण रहते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से अभयारण्य को जून, 2009 में संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया।

अबुबशहर वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के सिरसा जिले में अवस्थित है। ० यह अभयारण्य 11530.56 हेक्टेयर मे विस्तृत है।

भिण्डावास वन्यजीव अभयारण्य

  •  यह अभयारण्य हरियाणा के झज्जर जिले में अवस्थित है। इसका क्षेत्रफल 1074 एकड़ है।
  • यह अभयारण्य अपनी सुन्दर झील के लिए प्रसिद्ध है। यहा पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  •  यह भूरे हंस, बत्तख, लाल बुलबुल, किंगफिशर आदि के लिए प्रसिद्ध है। भारत सरकार ने इसे 3 जून, 2009 को पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित किया।

खपरवास वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य प्रवासी पक्षियों के विभिन्न प्रकारों के लिए प्रसिद्ध है। यह झज्जर जिले में भिण्डावास वन्यजीव से मात्र 1.5 किमी की दूरी पर अवस्थित है।
  • पर्यावरण एवं प्रदूषण के दृष्टिकोण से यह संवेदनशील क्षेत्र के तहत आता है।
  • यह अभ्यारण्य 204. 36 एकड़ में विस्तृत है। वर्ष 1991 में इसे मान्यता प्रदान की गई।

खोल ही-रैतान वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य शिवालिक की पहाडियों में पंचकुला जिले में बीर शिकारगढ़ अभयारण्य के समीप अवस्थित है।
  • यहाँ चीतल, धब्बेदार हिरण, जंगली बिल्ली, भारतीय लोमडी, सियार, जंगली बन्दर पाए जाते है। ० इसे पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।

संरक्षण रिजर्व

सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य 4,400 हेक्टेयर में विस्तृत है।
  • हरियाणा के कैथल और कुरुक्षेत्र जिले में स्थित यह अभयारण्य राज्य का तीसरा सबसे बडा वन है।
  • इसे जुलाई, 1988 में मान्यता प्रदान की गई। यहॉ हिरण पाए जाते हैं।

बीरबारा वन्यजीव अभयारण्य

  • यह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के जीन्द जिले में अवस्थित है। यह 419.26 हेक्टेयर में विस्तृत है।

प्रजनन केन्द्र

  • चिंकारा प्रजनन केन्द्र कैरू (भिवानी)
  • मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र भोर सैदान (कुरुक्षेत्र)
  • गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र पिंजौर (पंचकुला)
  • फीसैण्ट प्रजनन केन्द्र मोरनी (पंचकुला)
  • रैड जंगल फाउल प्रजनन केन्द्र पिंजौर (पंचकुला)

मुख्य बिंदु

  • फरीदाबाद व हिसार में दो विशेष पर्यावरण न्यायालयों की स्थापना की गई
  • सुल्तानपुर पक्षी विहार की स्थापना वर्ष 1971 में की गई।
  • इस पक्षी विहार की स्थापना महान पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सलीम अली के प्रयासों से हुई अत: इसे सलीम अली पक्षी विहार भी कहा जाता है।
  • वर्ष 1972 में सुल्तानपुर को जलीय पक्षी हेतु आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया।
  • सुल्तानपुर पक्षी विहार हरियाणा का सर्वप्रमुख ईको-पार्क है।
  • सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य को वर्ष 1998 में अधिसूचित किया गया ।

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