हरियाणा में वन संपदा
  • हरियाणा राज्य वन सम्पदा की दृष्टि से समद्ध नहीं है। हरियाणा के उदय के समय सन 1966 में हरियाणा के पास 3.9% वन क्षेत्र था जबकि वर्तमान में यह केवल 3.58 % है।
  • राष्ट्र के वन नीति के अनुसार, प्रदेश के कुल भोगोलिक क्षेत्र के 20% भाग पर वन होने चाहिए, लेकिन हरियाणा के कुल भू-भाग के 10% वनों के विस्तार का लक्ष्य है।
  • 2013 की स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 1,770 वर्ग किलोमिटर क्षेत्रफल पर वन फैले है जो की कुल क्षेत्रफल का 4% है| प्रदेश के लगभग 16,000 हेक्टेयर भूमि पर वनस्पति उपस्थित है।
  • भारतीय अधिनियम, 1927 की धारा-38 के अंतर्गत बंद क्षेत्र और पंजाब भूमि अधिनियम, 1980 की धारा-4 एवं 5 के अंतर्गत वनों को मुख्य रूप से 3 भागों में बांटा गया है
  1.  आरक्षित वन
  2.  संरक्षित वन
  3.  अवर्गीकृत वन
  • आरक्षित वनों का विस्तार मुख्यत: पंचकुला व यमुनानगर जिले में है, यमुनानगर के संरक्षित क्षेत्र में साल वन की प्रधानता है| पंचकुला के संरक्षित वन क्षेत्र में पाइन वन पाए जाते है । कैथल, अंबाला, जींद और हिसार जिलों में भी आरक्षित वन पाये जाते है।
  • हरियाणा के अधिकतर भाग में उपोषण कटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते है, राज्य के दक्षिणी भागों में अरावली पहाड़ियों पर उपोषण कटिबंधीय कांटेदार वन पाये जाते है|

हरियाणा में प्राकृतिक वन –

हरियाणा में पाँच प्रकार के वन पाये जाते है, जिन्हें मुख्यत: दो वर्गों में विभाजित किया जाता है | – चैम्पियन एवं सेठ के अनुसार

उष्णकटिबंधीय शुष्क पतझड़ वन

  • इस प्रकार के वन हरियाणा के मैदानी भागों में विस्तृत हैं, जहां 20-20 सेमी वर्षा होती है।
  • इन वनों में शीशम, पीपल, सिरस, नीम, आम, बड़, जामुन, इमली, रेडु, लसुड़ा, समूल, सौहजा, इत्यादि वृक्ष पाये जाते है।
  • इसके अलावा, शुष्क भागों में कीकर, फिरास, पीलू, झरबेरी आदि के वृक्ष पाये जाते है।
  • इन वनों में ओक, कैर, ग्वार, खीप, पाठा, सरकंडा, संजीया आदि के वृक्ष पाए जाते है। इस प्रकार की वनस्पतियां राज्य के यमुनानगर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, करनाल, हिसार, कैथल, सोनीपत आदि जिलों में पाई जाती है|

उपोष्ण कटिबंधीय पाइन वन –

  • इस तरह की वनस्पति हरियाणा के पहाड़ी क्षेत्रो में पाई जाती है, जहां 100 सेमी तक की वर्षा होती है । इस प्रकार के वनों में चिड और पाइन के वृक्षो की प्रधानता होती है | यह वन पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर, तथा हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाए जाते है।

वनों के अनर्गत भूमि क्षेत्र की प्रतिशतता व प्रति लाख व्यक्ति वनों का क्षेत्रफल

कुल अभिलिखित वन क्षेत्र1,770 वर्ग किलोमीटर
प्रतिशत अभिलिखित वन क्षेत्र क्षेत्र4% (कुल भोगोलिक का)
आरक्षित वन क्षेत्र250 वर्ग किलोमीटर (14.12%)
संरक्षित वन क्षेत्र1,998 वर्ग किलोमीटर (67.68%)
अवर्गीकृत वन क्षेत्र12 वर्ग किलोमीटर (0.68%)
भारतीय वन अधिनियम के तहत बंद किए गए15 वर्ग किलोमीटर (0.85%)
भू-संरक्षण अधिनियम के तहत बंद किए गए298 वर्ग किलोमीटर (16.84%)

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