दैनिक जीवन में विज्ञान ( Danik Jivan me vigyan )
दैनिक जीवन में विज्ञान ( Danik Jivan me vigyan )
Danik Jivan me vigyan
- प्रकृति के अन्वेषण एवं उससे प्राप्त सुव्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं।
विज्ञान के अध्ययन से –
- व्यक्ति रूढ़िवादी विचारों से दूर रहता है।
- व्यक्ति में स्वतंत्र चिन्तन की प्रकृति का विकास होता है।
- अपने आसपास होने वाली घटनाओं, समस्याओं तथा क्रियाकलापों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है।
- जीवन में आने वाली समस्याओं का क्रमबद्ध ढंग से हल करने की क्षमता का विकास होता है।
- किसी समस्या का समाधान नहीं होने पर धैर्यपूर्वक असफलता के कारणों को पता लगा कर पुनः कार्य करने की क्षमता का विकास होता है।
- सत्य, परख एवं अंधविश्वास मुक्त विचारों का दृढ़ीकरण होता है।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
- वैज्ञानिकों द्वारा समस्या हल करने की इस विधि को वैज्ञानिक पद्धति कहते हैं। इसके चरण इस प्रकार हैं-
– समस्या की पहचान।
– सम्बन्धित तथ्यों को एकत्रित कर उनका वर्गीकरण ।
– परिकल्पना का निर्माण।
– प्रयोगों द्वारा परिकल्पना की सत्यता की जाँच।
– निष्कर्ष के आधार पर सिद्धान्त एवं नियम बनाना।
विज्ञान के दैनिक जीवन मे उपयोग –
- संचार के क्षेत्र में- इन्टरनेट द्वारा संदेश भेजने की आधुनिक तकनीक को ई-मेल कहते हैं।
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से हवाई जहाज की उड़ान को नियंत्रित करना।
- विभिन्न प्रकार के रोग जैसे कैंसर, टी.बी., हृदयरोग, चेचक आदि के पहचान, निदान एवं शल्य चिकित्सा तथा चिकित्सा में प्रयुक्त उपकरणों जैसे- एक्स-रे, सी.टी. स्केन, ई.सी.जी. आदि के संचालन एवं नियंत्रण में कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटर द्वारा टेलीमेडिसिन की विधि से दूर बैठे रोगी. की चिकित्सा तथा लेजर विधि द्वारा ऑपरेशन भी किए जाते हैं।
- राजस्थान में रावत भाटा की परमाणु भट्टी से बिजली बनाने का विषय हो अथवा पोकरण के परमाणु परीक्षण जिससे भारत का नाम विश्व के शक्तिशाली राष्ट्रों में सम्मिलित हो गया, सब विज्ञान की देन है। भारतीय वैज्ञानिक डॉ. होमी जहाँगीर भाभा ने भारत में परमाणु अनुसंधान की नींव रखी और अनेक अनुसंधान किए। उन्हें भारतीय परमाणु विज्ञान का जनक कहा जाता है।
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