खाद्य परिरक्षण (khady prikshn notes in hindi )

खाद्य परिरक्षण (Food Preservation Notes in Hindi)

khady prikshn notes in hindi 

  • खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) : खाद्य पदार्थों व भोजन की पौष्टिकता गुणवत्ता को यथावंत बनाए रखने की प्रक्रिया को खाद्य परिरक्षण कहते हैं।

खाद्य परिरक्षण के सामान्य तरीके –

  1.  शीतलन (Refrigeration) : रेफ्रिजरेशन प्रक्रिया में तापमान कम होता है। कम ताप पर सूक्ष्मजीवों की जैविक क्रिया की दर में अत्यधिक कमी आ जाती है जिससे इनकी वृद्धि नहीं होती है। अत: रेफ्रिजरेटर के अन्दर रखने पर खाद्य सामग्री जल्दी खराब नहीं होती हैं। कम ताप पर खाद्य पदार्थों को रखने की विधिको रेफ्रिजरेशन (शीतलन) कहते हैं। आजकल किसान एवं व्यापारी, फलों, सब्जियों आदि खाद्य पदार्थों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए शीत गृहों (कोल्ड स्टोरेज) का उपयोग करते हैं।
  2.  निजीकरण (Sterlization) : इन्जेक्शन की सीरिंज एव सुई को उबलते जल में गर्म कर रोगाणु मुक्त करने की प्रक्रिया निर्जीकरण कहलाती है।
    ऑपरेशन के लिए प्रयोग में लिए जाने वाले औजारों एवं सामयी को सूक्ष्मजीवों से मुक्त करने हेतु ऑटोक्लेव नामक यंत्र का उपयोग किया जाता है। जो प्रेशर कुकर की भांति कार्य करता है। पराबैंगनी (अल्ट्रावायलेट) किरणों द्वारा भी वस्तुओं को रोगाणुरहित किया जाता है।
  3.  पाश्चुरीकरण (Pasturization) : डिब्बों या बोतलों में बन्द दूध व अन्य खाद्य पदार्थों को डिब्बों में अथवा बोतलों में भरने से पहले 60 डिग्री तापमान पर 30 मिनिट तक गर्म कर ठण्डा किया जाता है। यह प्रक्रिया 2 से 3 बार करने से इनमें उपस्थित हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने की यह विधि पाश्चुरीकरण कहलाती है। इन पाश्चुरीकृत खाद्य पदार्थों को डिब्बों में भरने के बाद उसमें उपस्थित हवा को निकाल कर बन्द कर दिया जाता है, जिससे हवा के अभाव में सूक्ष्मजीव वृद्धि नहीं कर पाते हैं।
  4.  निर्जलीकरण : इसमें खाद्य पदार्थों से जल को निकाल दिया जाता है। उदाहरण अनाज और दालों से नमी हटाने के लिए इन्हें धूप में सुखाया जाता है।
  5.  उबालकर : द्रव खाद्य पदार्थों को उबालकर उनमें उपस्थित सूक्ष्मजीवों को नष्ट किया जाता है। उदाहरण दूध, जल आदि।
  6.  रसायनों का उपयोग कर: ऐसे पदार्थ जो खाद्य पदार्थ परिरक्षण में मदद करते हैं, वे परिरक्षक कहलाते हैं। उदाहरण सोडियम बैन्जोएट और पोटैशियम मेटाबाइसल्फेट का उपयोग शरबत, स्कवॉश, कैचअप आदि के परिरक्षण में किया जाता है।
  7. नमक, शक्कर, तेल व सिरके का उपयोग कर: माँस, अचार, जैम, जैली और सब्जियों के परिरक्षण में नमक, शक्कर, तेल व सिरके का उपयोग किया जाता है।
  8. सूक्ष्मजीव नाशक पदार्थ : गन्दे हाथों को धोने के लिए साबुन का उपयोग किया जाता है। गन्दे आँगन, शौचालय, स्नानघर ” आदि को जीवाणुरहित करने के लिए फिनाइल का उपयोग करते हैं।
  9.  जल को जीवाणु रहित करने के लिए : क्लोरीन, ब्लीचिंग . पाउडर, पोटैशियम परमैंगनेट आदि पदार्थों का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त कार्बोलिक अम्ल का उपयोग सूक्ष्म . कीटनाशक पदार्थ के रूप में किया जाता है।

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