मेंडलवाद & मेंडल का इतिहास (Mendelism and History of Mendel in Hindi)

मेंडलवाद & मेंडल का इतिहास (Mendelism and History of Mendel in Hindi)

Mendelism and History of Mendel in Hindi

मेण्डलवाद (Mendelism) – 

  • ग्रेगर जॉन मेण्डल (Gregor Johann Mendel, 1822- 1884) को आनुवंशिकी का जनक (Father of genetics) कहते हैं । क्योंकि मेण्डल ने सर्वप्रथम पादपों में वशांगति के नियमों का प्रतिपादन किया । मेण्डल का जन्म 22 जुलाई 1822 को ऑस्ट्रिया के हेन्जन डॉर्फ (Heizendarf) प्रान्त के सिलिसियन (Silision) गाँव में हुआ । सन् 1842 में दर्शनशास्त्र (Philosophy) में डिग्री प्राप्त करने के बाद सन् 1843 में ऑस्ट्रिया के ब्रुन (Brunn) शहर की चर्च में पादरी बने। चर्च के उद्यान में मेण्डल ने उद्यान मटर ( Garden pea – Pisum sativum) पर सात वर्ष तक संकरण (Hybridization) प्रयोग (1856-1863) किए। इन प्रयोगों के निष्कर्षों को सन् 1865 में ब्रुन सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (Brunn Society of Natural History) के समक्ष शोधपत्र के रूप में प्रस्तुत किया ।
  • सन् 1866 में इन प्रयोगों को सोसाइटी की वार्षिकी में पादप संकरण पर प्रयोग (Experiments on plant hybridization) नामक शीर्षक से प्रकाशित किया गया । मेण्डल द्वारा उद्यान मटर पर किए गए इन प्रयोगों के परिणाम के आधार पर आनुवंशिकता के नियमों (Laws of inheritance) का प्रतिपादन किया गया जिन्हें मेण्डलवाद (Mendelism) भी कहते है। 6 जनवरी, 1884 को मेण्डल की मृत्यु हो गई ।

मेण्डल की सफलता के कारण (Reasons for Mendel’s success)

  • (i) मेण्डल ने एक समय में एक ही लक्षण की वशांगति का अध्ययन किया ।
  • (ii) मेण्डल ने अपने संकरण प्रयोगों के सभी आंकडों का सावधानीपूर्वक सांख्यिकीय विश्लेषण (Statistical analysis) किया ।
  • (iii) मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए पादप का चुनाव भी सावधानीपूर्वक किया ।

मटर के पादप का चयन (Selection of pea plant )

मेण्डल ने अपने प्रयोगों के लिए उद्यान मटर (Garden pea) पादप का चयन किया क्योंकि—

  • (i) एकवर्षीय (Annual) पादप होने के कारण कम समय में अनेक पीढियों का अध्ययन किया जाना सम्भव था ।
  • (ii) द्विलिंगी पुष्प (Bisexual flowers) होने के कारण स्वपरागण (Self pollination) के द्वारा समयुग्मजी (Homozygous) पादप अथवा शुद्ध वंशक्रम (Pure line) सरलता से प्राप्त किया जा सकता है ।
  • (iii) विपुंसन ( Emasculation) विधि द्वारा कृत्रिम परपरागण (Artificial cross pollination) आसानी से किया जा सकता है।
  • (iv) मटर के पौधे में विभिन्न विपर्यासी लक्षणों के जोड़े पाये जाते हैं ।

मेण्डली ने अपने प्रयोग के लिए सात जोड़ी विपर्यासी लक्षणों का चयन किया जो इस प्रकार है-

मेंडलवाद (Mendelism), मेंडल का इतिहास (History of Mendel)

मेंडलवाद (Mendelism), मेंडल का इतिहास (History of Mendel)

आनुवंशिकी (Genetics) Questions and Answers in Hindi

1. जेनेटिक्स शब्द किसने दिया?
(क) मेण्डल।
(ख) बेटसन
(ग) मॉर्गन
(घ) पुनेट

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उत्तर ⇒ { ख }

2. मेण्डल ने अपने प्रयोग किस पर किये?
(क) मीठा मटर
(ख) जंगली मटर
(ग) उद्यान मटर
(घ) उपरोक्त सभी

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उत्तर ⇒ { ग }

3. आनुवंशिकता एवं विभिन्नताओं के अध्ययन की शाखा को कहते हैं
(क) आनुवंशिकी
(ख) जीयोलोजी
(ग) वानिकी
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

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उत्तर ⇒ { क }

4. मटर की फली को हरा रंग कैसा लक्षण है?
(क) प्रभावी
(ख) अप्रभावी
(ग) अपूर्ण प्रभावी
(घ) सहप्रभावी

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उत्तर ⇒ { क }

5. सामान्यतया किसी जीन के कितने युग्मविकल्पी होते हैं
(क) चार
(ख) तीन
(ग) दो
(घ) एक

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उत्तर ⇒ { ग }

6. मेण्डल ने कितने विपर्यासी लक्षणों के युग्म अपने प्रयोगों के लिए चुने
(क) 34
(ख) 2
(ग) 12
(घ) 7

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उत्तर ⇒ { घ }

7. जब F1 पीढी का संकरण किसी एक जनक से कराया जाता है तो उसे कहते हैं
(क) व्युत्क्रम क्रॉस
(ख) टेस्ट क्रॉस
(ग) संकरपूर्वज क्रॉस
(घ) उपरोक्त सभी

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उत्तर ⇒ { ग }

8. संकरण Tt x tt से प्राप्त सन्तति का अनुपात होगा
(क) 3 : 1
(ख) 1 : 1
(ग) 1 : 2 : 1
(घ) 2 : 1

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उत्तर ⇒ { ख }

9. मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए किस विपर्यासी लक्षण को नहीं चुना
(क) जड़ का रंग
(ख) पुष्प का रंग।
(ग) बीज का रंग
(घ) फली का रंग

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उत्तर ⇒ { क }

10. एकसंकर संकरण की F2 पीढ़ी में कितने प्रकार के जीनोटाइप बनते हैं
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 9
उत्तर ⇒ ????

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