मोनेरा जगत ( Monera jagat )
मोनेरा जगत ( Monera jagat kya hai in hindi )
Monera jagat kya hai in hindi
- मोनेरा (Monera) जगत में सभी प्रोकैरिओटिक जीवों को सम्मिलित किया गया है। इस जगत के जीव सूक्ष्मतम तथा सरलतम होते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस जगत के जीव प्राचीनतम हैं। मोनेरा जगत के जीव उन सभी स्थानों में पाये जाते हैं जहाँ जीवन की थोड़ी भी संभावना मौजूद है, जैसे—मिट्टी, जल, वायु, गर्म जल के झरने (80° C तक), हिमखण्डों की तली, रेगिस्तान आदि में।
मोनेरा जगत के जीवधारियों के मुख्य लक्षण
- इनमें प्रोकैरिओटिक प्रकार का कोशिकीय संगठन पाया जाता है। अर्थात् कोशिका में आनुवंशिक पदार्थ किसी झिल्ली द्वारा बँधा नहीं होता बल्कि जीवद्रव्य में बिखरा पड़ा रहता है।
2. इनकी कोशिका भित्ति अत्यंत सुदृढ़ रहती है। इसमें पोलीसैकेराइड्स के साथ एमीनो
अम्ल भी होता है।
3. इनमें केन्द्रकीय झिल्ली अनुपस्थित होता है।
4. इनमें माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीकाय तथा रिक्तिका भी अनुपस्थित होती हैं।
5. ये प्रकाशसंश्लेषी, रसायन संश्लेषी या परपोषी होते हैं।
6. कुछ सदस्यों में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन के स्थिरीकरण (Fixation of atmospheric nitrogen) की क्षमता पायी जाती है।
मोनेरा जगत का वर्गीकरण (Classification of monera kingdom):
अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से मोनेरा जगत को चार भागों में विभाजित किया गया है-
- जीवाणु (Bacteria) :ये वास्तव में पौधे नहीं होते हैं। इनकी कोशिकाभित्ति का रायायान संगठन पादप कोशिका के रासायनिक संगठन से बिल्कुल भिन्न होता है। यद्यपि कुछ जीवाणु संश्लेषण करने में सक्षम होते हैं लेकिन उनमें विद्यमान बैक्टीरियोक्लोरोफिल पौधों में क्लोरोफिल से बिल्कुल भिन्न होता है।
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