प्रकाश का परावर्तन:परिभाषा,नियमित और विसरित परावर्तन (Reflection of light in Hindi)

प्रकाश का परावर्तन (Reflection of light)

Reflection of light in Hindi

  • जब प्रकाश की किरणें किसी पृष्ठ पर गिरती हैं तो उनमें से अधिकांश किरणें निश्चित दिशाओं में गमन कर जाती है, यही परावर्तन है। दैनिक जीवन में हम सभी दो प्रकार के परावर्तन देखते हैं- नियमित परावर्तन व विसरित परावर्तन |

नियमित परावर्तन (Regular reflection)

  • जब प्रकाश किसी चिकने समतल पृष्ठ (जैसे दर्पण) पर आपतित होता है तो वह समतल पृष्ठ एक विशेष दिशा से देखने पर चमकता हुआ दिखता है एवं अन्य दिशाओं में लगभग सामान्य ही रहता है। यदि हम दर्पण की दिशा को परिवर्तित करते हैं तो वह दर्पण अब अन्य दिशा से चमकीला दिखाई देता है। इसी प्रकार प्रकाश किरणों के दर्पण पर गिरने की दिशा बदलने पर दर्पण हमें अन्य दिशा में चमकीला दिखाई देता है। आपतित प्रकाश-पुंज (light beam) को चिकने पृष्ठ द्वारा उसी माध्यम में एक विशिष्ट दिशा में भेज देने को नियमित परावर्तन कहते है।
Reflection of light in Hindi

विसरित परावर्तन विसरित परावर्तन (Diffused reflection)

  • आप सभी ने अनुभव किया होगा कि जब किसी कमरे में किसी खिड़की की आदि से प्रकाश किसी दीवार पर गिरता ता है तो दीवार का वह भाग कमरे में सभी जगह से समान रूप से प्रदीप्त दिखाई देता है। इसका कारण यह है कि प्रकाश एक निश्चित दिशा से दीवार पर गिरने के पश्चात् सभी दिशाओं में परावर्तित हो जाता हैं | सामान्य जीवन में अधिकांश वस्तुओं को हम इसी कारण देख पाते हैं । खुरदरे पृष्ठ, धुल, धुएं के सूक्ष्म ‘कण आदि प्रकाश को विभिन्न दिशाओं में विसरित कर देते हैं ।
  • जब सूर्य का प्रकाश वायुमण्डल की गैसों के अणुओं से प्रकीर्णित होता है तो नीले रंग की तरंगे सर्वाधिक विसरित होती है, अतः हमें आकाश नीला दिखाई देता है | वायुमण्डल के बाहर से यदि हम आकाश को देखें तो आकाश काला दिखाई देगा | खुरदरे पृष्ठों द्वारा प्रकाश को सभी दिशाओं में बिखेरने के प्रभाव को विसरित परावर्तन कहते हैं ।
  • सामान्यतः कांच अथवा पारदर्शी पदार्थ के पीछे वाले भाग पर परावर्तक आवरण (चांदी अथवा एल्युमीनियम की परत) लगाकर उन्हें दर्पण या परावर्तक पृष्ठ की तरह उपयोग में लिया जाता है।
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Reflection of light in Hindi FAQ –

1. निम्न में से कौनसे दर्पण में वृहद दृष्टि क्षेत्र दिखेगा
(क) समतल दर्पण
(ख) उत्तल दर्पण
(ग) अवतल दर्पण
(घ) परवलियक दर्पण

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उत्तर ⇒ { (ख) उत्तल दर्पण }

2. प्रकाश का वेग सर्वाधिक होगा
(क) पानी में
(ख) कांच में
(ग) निर्वात में
(घ) ग्लिसरीन में

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उत्तर ⇒ { (ग) निर्वात में }

3. किस प्रभाव के कारण टंकी के पेंदे पर रखा सिक्का थोड़ा ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है
(क) अपवर्तन
(ख) परावर्तन
(ग) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
(घ) इनमें से कोई नहीं

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उत्तर ⇒ { (क) अपवर्तन }

4. यदि एक दर्पण की फोकस दूरी + 60 सेमी. है तो यह दर्पण होगा
(क) अवतल दर्पण
(ख) परवलिय दर्पण
(ग) समतल दर्पण
(घ) उत्तल दर्पण

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उत्तर ⇒ { (घ) उत्तल दर्पण }

5. एक समतल दर्पण की फोकस दूरी होगी
(क) 0
(ख) 1
(ग) अनन्त
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर ⇒ ???????

प्रश्न 1. जब कोई वस्तु प्रकाश के सभी रंगों को अवशोषित कर लेती है तो वह वस्तु हमें किस रंग की दिखाई देगी?
उत्तर- वह वस्तु हमें काली दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 2. यदि हम समतल दर्पण में हमारा पूर्ण प्रतिबिम्ब देखना चाहें तो दर्पण की न्यूनतम लम्बाई कितनी होनी चाहिये ?
उत्तर- किसी व्यक्ति का पूरा प्रतिबिम्ब देखने के लिए उस व्यक्ति की लम्बाई की आधी लम्बाई का समतल दर्पण चाहिए।

प्रश्न 3. उत्तल दर्पण के कोई दो उपयोग लिखिये।
उत्तर-

  • उत्तल दर्पण में बड़ी वस्तुओं के छोटे प्रतिबिम्ब प्राप्त करके सजावट के लिए उपयोग में लेते हैं।
  • इनका उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में किया जाता है।

प्रश्न 4. अवतल दर्पण के कोई दो उपयोग लिखिये।
उत्तर-

  • बड़ी फोकस दूरी का अवतल दर्पण हजामत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति के चेहरे का आभासी, बड़ा और सीधा प्रतिबिम्ब बनता है।
  • अवतल दर्पण परावर्तक दूरदर्शी में काम में लेते हैं। इससे दूरदर्शी की विभेदन क्षमता में वृद्धि होती है।

प्रश्न 5. दर्पण सूत्र लिखिये।
उत्तर- ध्रुव से बिम्ब की दूरी u, ध्रुव से प्रतिबिम्ब की दूरी v एवं ध्रुव से फोकस दूरी f ये तीनों राशियाँ एक समीकरण द्वारा सम्बद्ध हैं जिसे दर्पण सूत्र कहा जाता है।
प्रकाश (Light)

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