साबुन एवं अपमार्जक (sabun evm apmarjak notes in hindi)

साबुन एवं अपमार्जक (Soap and Detergent )

sabun evm apmarjak notes in hindi

  • डिटरजेन्ट (Detergent) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है to wipe clean अर्थात् स्वच्छ करने वाला । साबुन तथा अपमार्जकों का अध्ययन इस क्षेत्र में किया जाता है ।

साबुन ( Soap ) –

  • सबसे पुराना अपमार्जक साबुन है। ये दीर्घ श्रृंखला वाले C12 से C18 कार्बन परमाणु वाले वसा अम्लों जैसे कि स्टेरिक, पामिटिक, ओलिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम लवण होते है। ये वसा अम्लों को सोडियम हाइड्रॉक्साइड या पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन के साथ गर्म करके बनाए जाते है । यह क्रिया साबुनीकरण कहलाती है ।

साबुन एवं अपमार्जक (Soap and Detergent )

  • इस क्रिया में प्राप्त साबुन सोडियम क्लोराइड मिलाने से अलग हो जाता है। केवल उच्च वसीय अम्लों के सोडियम और पोटैशियम लवणो से बने साबुन ही जल में विलेय होते है। इनमें भी पोटैशियम साबुन अधिक मृदु होते है, इन्हें शेविंग, शैम्पू आदि बनाने में काम लेते है । पारदर्शी साबुन बनाने के लिए ग्लिसरीन का प्रयोग किया जाता है ।
  • साबुन मृदुजल में सफाई का कार्य करता है परन्तु कठोर जल में कार्य नहीं कर पाता है । कठोर जल में कैल्शियम (Ca2+ ) तथा मैग्नीशियम (Mg2+ ) आयन होते है, जो साबुन के अणु में से सोडियम आयन (Na+ ) को प्रतिस्थापित कर देते है । इस प्रकार उच्च वसीय अम्लों के कैल्शियम एवं मैग्नीशियम लवण बन जाते है। ये लवण जल में अघुलनशील होते हैं अतः अवक्षेपित हो जाते है । अंततः सफाई की क्रिया नहीं हो पाती है । इस समस्या के समाधान के लिए अपमार्जकों का प्रयोग किया जाता है।

अपमार्जक ( Detergent ) –

 

  • अपमार्जक साबुन के जैसे ही होते है परन्तु कठोर तथा मृदु दोनों ही प्रकार के जल में कार्य करते है। अंतः अपमार्जक सफाई के लिए व्यापक रूप से प्रयोग में लिये जाते है ।
  • अपमार्जक सोडियम एल्किल सल्फेट R-O-SO3 Na+ तथा सोडियम एल्किल बेंजिन सल्फोनेट R – C6 H5 – SO3 Na+ होते है । इसके अलावा भी अनेकों प्रकार के अपमार्जक पाए जाते है। यहाँ इन अपमार्जकों के सोडियम आयन (Na+ ), कैल्शियम आयन (Ca2+ ) या मैग्नीशियम आयन (Mg2+ ) से प्रतिस्थापित होकर कैल्शियम या मैग्नीशियम सल्फोनेट बनाते है। ये सल्फोनेट्स जल में घुलनशील होते है अतः साबुन की तरह अवक्षेपित नहीं होते है। इस प्रकार सफाई की क्रिया में बाधा नहीं आती है ।
  • इन संश्लेषित अपमार्जकों के द्वारा जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है क्योंकि जीवाणु इनका आसानी से अपघटन नहीं कर पाते है।
  • यदि R समूह अर्थात् हाइड्रोकार्बन शृंखला कम शाखित हो तो इनका जीवाणुओं द्वारा अपघटन या निम्नीकरण आसानी से होता है। अतः लंबी व कम शाखित हाइड्रोकार्बन श्रृंखला वाले बेंजीन सल्फोनेट अपमार्जक का प्रयोग किया जाता है । वर्तमान में, अपमार्जकों की क्षमता एवं गुणवत्ता बढाने के लिए इसमें अकार्बनिक फॉस्फेट, सोडियम परऑक्सीबोरेट तथा कुछ प्रतिदिप्त यौगिक भी मिलाए जाते है। साबुन एवं अपमार्जक के द्वारा सफाई की क्रिया मिसेल बनाकर की
    जाती है ।

मिसेल निर्माण एवं साबुन से शोधन क्रिया –

साबुन तथा अपमार्जक द्वारा मिसेल बनाकर शोधन की क्रिया की जाती है । सर्वप्रथम सोडियम स्टिएरेट जैसे साबुन के अणुओं का जल में आयनन होता है।

साबुन एवं अपमार्जक (Soap and Detergent )

साबुन एवं अपमार्जक (Soap and Detergent )

  • सभी मिसेल ऋणावेशित (समान आवेशित) होते है अतः अवक्षेपित नहीं होते है । इस प्रकार जब गंदे कपडे को साबुन लगाने के बाद पानी में डालकर निकाला जाता है तो गंदगी कपडे से बाहर पानी में आ जाती है।

अम्ल, क्षार एवं लवण (Acid, Base and Salt) MCQ in Hindi

[ 1 ] बेकिंग पाउडर है
[ A ] मिश्रण
[ B ] यौगिक
[ C ] तत्व
[ D ] मिश्रधातु

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { A }

[ 2 ] निम्नलिखित में कौन क्षारक है?
[ A ] ZnO
[ B ] SO2
[ C ] CO2
[ D ] NO2

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { A }

[ 3 ] उदासीन विलयन का pH मान होता है
[ A ] 6
[ B ] 7
[ C ] 8
[ D ] 14

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { B }

[ 4 ] जल में घुलनशील क्षारक कहलाते हैं-
[ A ] अम्ल
[ B ] क्षार
[ C ] लवण
[ D ] कोई नहीं

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { B }

[ 5 ] तनु HCI का pH मान होगा
[ A ] 6
[ B ] 7
[ C ] 8
[ D ] 0

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { D }

[ 6 ] धातु के ऑक्साइड होते हैं
[ A ] अम्ल
[ B ] क्षारक
[ C ] लवण
[ D ] कोई नहीं
उत्तर ⇒ ?????

Read Also :- 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Leave A Comment For Any Doubt And Question :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *