संवेग संरक्षण का नियम

संवेग संरक्षण का नियम ( samveg sanrakshan ka niyam )

संवेग संरक्षण का नियम :

  • न्यूटन के द्वितीय नियम के साथ न्यूटन के तृतीय नियम के संयोजन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण परिणाम है संवेग संरक्षण का नियम | इस नियम के अनुसार ” एक या एक से अधिक वस्तुओं के निकाय पर कोई बाहरी बल नहीं लग रहा हो, तो उस निकाय का कुल संवेग नियत रहता है, अर्थात संरक्षित रहता है ।” इस कथन को ही संवेग संरक्षण का नियम कहते है | अर्थात एक वस्तु में जितना संवेग परिवर्तन होता है, दूसरी में उतना ही संवेग संवेग परिवर्तन विपरीत दिशा में हो जाता है । अत: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो उसका वेग बढ़ता जाता है जिससे उसका संवेग भी बढ़ता जाता है | वस्तु भी पृथ्वी को ऊपर की ओर खींचती है जिससे पृथ्वी का भी ऊपर की ओर संवेग उसी दर से बढ़ता जाता है । इस प्रकार (पृथ्वी + वस्तु) का संवेग संरक्षित रहता है | चूँकि पृथ्वी का द्रव्यमान वस्तु की अपेक्षा बहुत अधिक होता है, अत: पृथ्वी में उत्पन्न वेग उपेक्षणीय होती है | रॉकेट के ऊपर जाने का सिध्दांत भी संवेग संरक्षण पर आधारित है। रॉकेट से गैसें अत्यधिक वेग से पीछे की ओर निकलती है जो रॉकेट के ऊपर उठने के लिए आवश्यक संवेग प्रदान करती है।

उदाहरण:

  1. जब बराबर संवेग वाली दो गेंदे आपस में टक्कर मारती है तो गेंदें अचानक रुक जाती है | यहाँ निकाय (दोनों गेदों) का कुल संवेग टक्कर के पूर्व शून्य है और टक्कर के बाद फिर से शून्य हो जाती है अर्थात निकाय का कुल संवेग नियत है या संरक्षित है।
  2. जब बंदूक से गोली छोड़ी जाती है तो वह अत्यधिक वेग से आगे की ओर बढ़ती है जिससे गोली में आगे की दिशा में संवेग उत्पन्न हो जाता है | गोली भी बंदूक को प्रतिक्रिया बल के कारण पीछे को ढकेलती है जिससे उसमें पीछे की और संवेग उत्पन्न हो जाता है | चूँकि बंदूक का द्रव्यमान गोली से अधिक होता है, जिससे बंदूक पीछे हटने का वेग गोली के वेग से बहुत कम होता है | बंदूक चलाने वाला बंदूक को कंधे से दबाकर रखता है ताकि बंदूक एवं शरीर एक हो जाएँ। इस प्रकार द्रव्यमान बढ़ जाने से शरीर को बहुत अधिक धक्का नहीं लगता है। यदि दो एक समान गोलियां भारी तथा हल्की बंदूक अधिक वेग से पीछे की ओर हटेगी जिससे चोट लगने की सम्भावना अधिक होती है।
  3. रॉकेट प्रणोदन (Rocket Propulsion) :- किसी रॉकेट की उड़ान उन शानदार उदाहरणों में से एक है जिनमें न्यूटन का तीसरा नियम या संवेग संरक्षण नियम स्वयं को अभिव्यक्त करता है | इसमें इंधन की दहन से पैदा हुई गैसें बाहर निकलती है और इसकी प्रतिक्रिया रॉकेट को धकेलती है। यह एक ऐसा उदाहरण है जिसमें वस्तु का द्रव्यमान परिवर्तित होता रहता है क्योकि रॉकेट में से गैस निकलती रहती है। रॉकेट के लिहाज से रॉकेट से निकलने वाली गैसें लगभग स्थाई वेग से गति करती है | यदि दहन के दौरान गैस के निकलने की दर स्थाई हो तो संवेग परिवर्तन की दर भी स्थायी होगी| मगर चूँकि निकलने वाली गैसों के द्रव्यमान के कारण रॉकेट का द्रव्यमान कम होता जाता है इसलिए त्वरण स्थायी नहीं रहता | रॉकेट का वेग तथा त्वरण दोनों में ही वृद्धि होगी।

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Physics Questions in Hindi

1. कार्य का मात्रक है।
(a) जूल
(b) न्यूटन
(c) वाट
(d) डाइन[RRB TC 2005]

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Answer : -(a) जूल   

2. प्रकाश वर्ष इकाई है
(a) दूरी की
(b) समय की
(c) प्रकाश तीव्रता की
(d) द्रव्यमान की।(RRB TC,2005, Polytechnic, 2007, MPPSC 2009, JPSC 2013)

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Answer : – (a) दूरी की  

3. ऐम्पियर मात्रक है
(a) प्रकाश तीव्रता का
(b) विद्युत आवेश का
(c) विद्युत धारा का
(d) चुम्बकीय क्षेत्र का ।(RRB ASM/GG, 2005]

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Answer : –  (c) विद्युत धारा का 

4.- निम्नलिखित में से समय का मात्रक नहीं है
(a) अधि वर्ष
(b) चन्द्र माह
(c) प्रकाश वर्ष
(d) इनमें से कोई नहीं[RRB CC,2003]

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Answer : –  (c) प्रकाश वर्ष 

5. पारसेक (Parsec) इकाई है
(a) दूरी की
(b) समय की
(c) प्रकाश की चमक की
(d) चुम्बकीय बल की [UPPCS, 1997)

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Answer : –  (a) दूरी की 

6. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सुमेलित नहीं है?
(a) डेसिबल ध्वनि की प्रबलता की इकाई
(b) अश्व शक्ति–शक्ति की इकाई
(c) समुद्री मील दूरी की इकाई
(d) सेल्सियस-ऊष्मा की इकाई[UPPCS, 2001]

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Answer : – (d) सेल्सियस-ऊष्मा की इकाई  

7. ल्यूमेन (Lumen) किसका मात्रक है?
(a) ज्योति तीव्रता का
(b) ज्योति फ्लक्स का
(c) a एवं b दोनों का
(d) इनमें से कोई नहीं[RRB ASM/GG, 2004]

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Answer : –  (d) इनमें से कोई नहीं 

8. दाब का मात्रक है—
(a) पास्कल
(b) डाइन
(c) अर्ग
(d) जूल [RRB ASM/GG, 2003]

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Answer : –  (a) पास्कल 

9. केन्डिला मात्रक है।
(a) ज्योति फ्लक्स
(b) ज्योति प्रभाव
(c) ज्योति दाब
(d) ज्योति तीव्रता [RRB ASM/GG, 2004]

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Answer : – (d) ज्योति तीव्रता  

10. यंग प्रत्यास्थता गुणांक का S.I. मात्रक है—
(a) डाइन/सेमी०
(b) न्यूटन/मी०
(c) न्यूटन/मी०2
(d) मी०-/से०[RRB TC, 2005]

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Answer : – (c) न्यूटन/मी०2  

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