संरक्षी बल और असंरक्षी बल किसे कहते हैं,परिभाषा ?

संरक्षी तथा असंरक्षी बल (Conservative and Nonconservative Forces)

Sanrakshi or asanrakshi bal kya hai

  • संरक्षी तथा अंसरक्षी बलों की परिभाषा तीन प्रकार से दी जा सकती है

प्रथम परिभाषा (First Definition)-

  • जब किसी कण पर एक या एक से अधिक बल इस प्रकार कार्य करते हैं कि कण की अपनी प्रारम्भिक अवस्था में लौटने पर वही गतिज ऊर्जा होती है जो कि प्रारंभ में थी, तब बलों को संरक्षी बल कहते हैं।
  • यदि प्रारंभिक अवस्था में लौटकर आने पर उसकी गतिज ऊर्जा प्रारम्भ के सापेक्ष परिवर्तित हो जाती है, तब इन बलों को “असंरक्षी बल” कहते हैं।

द्वितीय परिभाषा (Second Definition)-

  • यदि किसी बल को किसी कण पर लगाने पर एक पूर्ण चक्र में (Complete cycle) बल द्वारा किया गया कार्य शून्य हो तो बल को “संरक्षी बल” कहते हैं। यदि कुल कार्य का परिमाण शून्य नहीं है तो बल “असंरक्षी बल” कहलाता है।

तृतीय परिभाषा (Third Definition)-

  • संरक्षी बल वह बल है जिसके द्वारा एक कण को किसी एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक विस्थापन में किया गया कार्य कण के पथ पर निर्भर नहीं करता है।
  • इसी प्रकार जिन बलों के द्वारा किया गया कार्य कण के पथ पर निर्भर करता है, उन्हें असंरक्षी बल (Non-Conservative Force) कहते हैं।

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