वाताग्र Vatagra (Front ) in Hindi क्या हैं? वाताग्र की परिभाषा, प्रकार, विशेषता

Vatagra (Front ) in Hindi

  • वाताग्र या सीमाग्र शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग विश्वयुद्ध के दौरान किया गया था । जब दो विपरीत स्वभाव वाली वायु (ठण्डी व गर्म) आकार मिलती है तो वे तापमान एवं आर्द्रता संबंधी अपनी पहचान बनाये रखने की लगातार कोशिश करती है । इस प्रक्रिया में इनके बीच में एक ढलुआ सीमा का विकास हो जाता है । इसे वाताग्र कहते हैं । जब दो भिन्न गुणों वाली वायुराशियाँ एक दूसरे के सम्पर्क में आती हैं तो वे अपने आप ही आपस में नहीं मिल जाती अपितु काफी समय तक परस्पर अलग रहती हैं। ब्लयेर का कहना है कि “जिस सतह या रेखा के सहारे वायुराशियाँ पृथक रहती है उसे वाताग्र या सीमाग्र कहते हैं”। जलवायु विज्ञान में वाताग्र का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि ये मौसम की विशिष्ट दशाओं को जन्म देते हैं, जिन्हें हम चक्रवात, प्रति चक्रवात कहते हैं । इसलिये वाताग्र को चक्रवातों व प्रति चक्रवातों का पालना भी कहते हैं ।

वाताग्र की उत्पत्तिः

  • वाताग्र की उत्पत्ति के लिये निम्न दशाएँ आवश्यक हैं-

(i) भिन्न स्वभाव वाली वायुराशियाँ अर्थात गर्म व ठण्डी वायुराशियाँ
(ii) आर्द्रता में अन्तर
(iii) वायुमण्डलीय संचार

वाताग्रों के प्रकार:

पेटर्सन ने वाताग्रों को चार भागों में विभाजित किया है जिनका मध्य अंक्षाशीय चक्रवातों के अन्तर्गत पूर्ण रूप से विकास होता है ।

(1) ऊष्ण वाताग्र – गर्म एवं हल्की वायु के तीव्रता से ठण्डी एवं के ऊपर चढ़ने पर बनने वाला वाताग्र ऊष्ण वाताग्र भारी वायु कहलाता है ।
(2) शीत वाताग्रः ठण्डी एवं भारी वायु द्वारा गर्म एवं हल्की वायु को ऊपर उठा देने पर जो वाताग्र बनता है वह शीत वाताग्र कहलाता है ।
(3) स्थिरवत् या स्थायी वाताग्रः दो विपरीत वायुराशियों के समानान्तरण रूप में अलग होने एवं वायु की लम्बवत् गति के अभाव में बने वाताग्र को स्थायी वाताग्र कहते हैं ।
(4) संरोधित या अधिविष्ट वाताग्रः शीत वाताग्र के गर्म वाताग्र से मिलने एवं गर्म वायु का नीचे धरातल से सम्पर्क खत्म होने से उत्पन्न होने वाला वाताग्र अधिविष्ट वाताग्र कहलाता है ।

Vatagra (Front ) in Hindi
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वाताग्र (Front ) FAQ –

Q 1. पूरे वर्ष एक ही दिशा में प्रवाहित होने वाली पवन क्या कहलाती है?
Ans – [ b ]
Q 2. उपोष्ण उच्च दाब से विषुवत रेखीय निम्न दाब दाब की ओर चलने वाली पवनें क्या कहलाती है?
Ans – [ a ]
Q 3. व्यापारिक पवनें कहाँ से चलती हैं?
Ans – [ c ] (SSC 2004)
Q 4. व्यापारिक हवाएँ किन अक्षांशों से किन अक्षांशों की ओर बहती है?
Ans – [ c ]
Q 5. उच्च दाब क्षेत्र से भूमध्य सागर की ओर चलने वाली पवनें होती है—
Ans – [ b ] (UPPCS 1992)

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