भारत की प्राकृतिक वनस्पति (Natural vegetation of india)

भारत की प्राकृतिक वनस्पति (Natural vegetation of india)

 प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है कि वनस्पति का वह भाग जो मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लंबे समय तक उस पर मानवीय प्रभाव नहीं पड़ता। इसे अक्षत वनस्पति कहते हैं। भारत में निम्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं

भारत की प्राकृतिक वनस्पति (Natural vegetation of india)

1. उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार बन

  • ये वन भारत के उन भागों में पाए जाते हैं, जहाँ 200 सेमी से अधिक वर्षा एवं उच्च तापमान (24°C) पाया जाता है।
  • वृक्षों के पतझड़ का कोई निश्चित समय नहीं होता। अत: यह वन साल भर हरे-भरे लगते हैं। इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते हैं।
  • इन वनों में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है।
  • ये वन पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल, लक्षद्वीप, अण्डमान निकोबार द्वीप, असम के ऊपरी भाग तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं।
  • इन वनों में व्यापारिक महत्व के वृक्ष एबोनी (आबनूस), महोगनी, रोजवुड, रबड़ और सिंकोना हैं।

2. उष्ण-कटिबन्धीय पर्णपाती वन

  • ये भारत में सबसे बड़े भाग में फैले हुए वन हैं, जो 100-200 सेमी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं।
  • इन वनों में वक्ष शष्क ग्रीष्म ऋत में 6-8 सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं इसलिए इन्हें पतझड़ वाले वन कहते हैं।
  • ये वन हिमालय के गिरिपद प्रदेशों, झारखण्ड, पश्चिमी ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा पश्चिमी घाट के पूर्वी ढालों में पाए जाते हैं।
  • यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष हैं-सागवान, बाँस, साल, शीशम, चंदन, कुसुम, अर्जुन तथा शहतूत।

3. उष्ण-कटिबन्धीय घास के मैदान

  • ये घास के मैदान 50-100 सेमी वर्षा वाले शुष्क मैदानी भागों में पाए जाते हैं।
  • इस प्रकार की वनस्पति कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के पठारी भागों में पाई जाती है।

4. शुष्क मरुस्थलीय काँटेदार वनस्पति

  • जिन क्षेत्रों में 50 सेमी. से कम वर्षा होती है, वहाँ इस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। इन भागों के वन छोटे-छोटे वृक्षों की कंटीली झाड़ियों के रूप में होते हैं।
  • भारत में ये वन राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के अर्द्ध शुष्क भागों में पाए जाते हैं।
  • यहाँ के प्रमुख वृक्ष हैं-अकासिया, खजूर (पाम), यूफोरबिया, नागफनी (कैक्टस), खेजड़ा आदि।

5. डेल्टाई वन (मैंग्रोव वन)

  • यह वनस्पति, तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं, की सबसे महत्त्वपूर्ण वनस्पति है।
  • घने मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति हैं जिसमें पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं।
  • गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है।
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं (यह क्षेत्र रायल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है)।
  • इन वनों में ताड.कैसरीना. नारियल,क्योड़ाव एंगोर के वृक्ष उगते हैं।

6. पर्वतीय वन

  • ये वन हिमालय पर्वत पर उगते हैं। ऊंचाई के साथ-साथ प्राकृतिक वनस्पति में अंतर भी दिखाई देता है।
क्र.सं. ऊँचाई (मीटर में) वन वृक्ष
1500 तक सदाबहार एवं पतझड़
1500-2500 शीतोष्ण , कटिबंधीय , चौड़ी पत्ती वाले ओक,देवदार, बर्च,मैपिल
2500-4500 कोणधारी फर, स्यूस,चीड़,सनोवर
4500-4800 टुण्ड्रा(अल्पाइन) घास, काई,लाइकेन

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