Athletics game history in hindi
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका ExamSector.Com में। दोस्तों से पोस्ट में आज हम Athletics game के बारे में पढ़गे। कि एथलेटिक्स क्या होता है।दोस्तों इस पोस्ट में Athletics hindi notes के बारे में पढ़गे। कि Athletics की क्या हिस्ट्री है और इसमें क्या – क्या होता है। जैसा कि आप सब लोग जानत है कि Sport हमारे जीवन का अति महत्वपूर्ण पार्ट है। लेकिन आज कल school या college आदि में Sport से ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए आज कल के नौजवान खेल खुद में कम ध्यान देते है।
एथलेटिक्स का इतिहास-
- मानव जीवन में ‘धावन कला’ का इतिहास लगभग उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव का इतिहास।
- खेल प्रतियोगिता की रोमांचकता के कारण ही आज विश्व भर में ‘एथलेटिक्स’ को ‘खेलों की रानी’ कहा जाता है।
खेल परिचय :
धावन पथ (Running Track)—
इसकी लम्बाई 400 मीटर होती है, किन्तु इसके लिए उचित स्थान प्राप्त नहीं होता है। अतः इसे 4 चरणों में एक मील लम्बी दौड़ के लिए ही निर्मित किया जाता है। इस पथ में गलियारों (Lanes) के प्रत्येक भाग की लम्बाई 84.39 मीटर और प्रत्येक वक्र अथवा गोलाकार की लम्बाई 115.61 मीटर निर्धारित होती है। 400 मीटर दौड़ के लिए धावन पथ में सीधे भागों की लम्बाई 82.39 मीटर और गोलाकार भागों की त्रिज्या 36.50 मीटर होती है।
दौड़े (Races)–
इन्हें तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है।
(अ) छोटी दौड़े—इनके अन्तर्गत 100 मीटर, 200 मीटर तथा 400 मीटर की दौड़े आयोजित की जाती हैं।
(ब) मध्यम दौड़े—इसके अन्तर्गत 800 मीटर तथा 1,500 मीटर की दौड़ें आयोजित की जाती है।
(स) लम्बी दौड़े इसके अन्तर्गत 5,000 मीटर तथा 10,000 मीटर की दौड़े आयोजित की जाती हैं। 42.195 किमी की मैराथन दौड़ भी इसी वर्ग में आती है।
बाधा दौड़े इस प्रकार की दौड़ों में विभिन्न ऊंचाइयों की बाधाओं को पार करते हुए धावकों को दौड़ना पड़ता है।
स्टीपल चेज दौड़े इस प्रकार की दौड़ों के लिए मानक दूरियां निर्धारित होती हैं—वयस्क 3,000 मीटर, 28 बाधाएं और 7 जलकूद। इन दौड़ों में धावकों के धावन हेतु विभिन्न मापदण्ड निर्धारित रहते हैं।
ऊंची कूद इसके लिए क्रमानुसार 3.66 मीटर की दूरी पर लकड़ी अथवा धातु के 3.98 मीटर से लेकर 4.02 मीटर लम्बे खम्बे अथवा छड़े समतल भूमि पर लगाई जाती हैं। इन पर काला तथा सफेद रंग होता है। प्रतियोगी विभिन्न ऊंचाई पर स्थित खम्बों अथवा छडों के ऊपर से कूदकर अपनी खेल दक्षता का प्रदर्शन करता है।
लम्बी कूद– इसके लिए अवतरण क्षेत्र 2.75 मीटर चौड़ा और कूद प्रारम्भ बिन्दु से अन्तिम छोर की दूरी कम-से-कम 10 मीटर निर्धारित होती है।
त्रिकूद -इसमें अवतरण क्षेत्र से पटल की दूरी वरिष्ठ वर्ग के लिए 13 मीटर तथा कनिष्ठ वर्ग के लिए 11 मीटर निर्धारित होती है।
बांस कूद- इसमें प्रतियोगी किसी भी प्रकार के मजबूत एवं सख्त खम्बे प्रयुक्त करते हैं, किन्तु खम्बों के बीच की दूरी 4.30 मी से 4.37 मी कम नहीं होनी चाहिए।
चक्का फेंक— इसमें पुरुष प्रतियोगी को 2 किलोग्राम तथा महिला प्रतियोगी को 1 किलोग्राम का चक्का फेंकना होता है।
भाला फेंक—इसमें भाला अथवा जेवलिन किसी भी प्रकार का हो सकता है, किन्तु उसकी नोंक नुकीली होती है। इसके गुरुत्व केन्द्र पर चाबुकी डोरी लिपटी रहती है।
गोला फेंक—इसमें पीतल अथवा लोहे के ठोस गोले प्रयुक्त होते हैं पुरुष एवं महिला प्रतियोगी के लिए क्रमशः गोले का भार 7.260 किग्रा तथा 4 किग्रा होता है।
तार गोला फेंक—इसमें पीतल अथवा लोहे का ठोस गोला प्रयुक्त किया जाता है। इसमें स्प्रिंग इस्पात का 3 मिमी का इकहरा तार लगा होता है, जिसके अगले सिरे पर एक मूठ (Grip) लगी होती है। इसका अधिकतम भार 7.260 किग्रा होता है।
पैदल चाल—इस प्रतियोगिता में प्रतियोगी का पिछला पैर | पाव उठने तक भूमि पर टिका रहे, विशेषकर पांव उटने तक उसकी टांगें सीधी तनी हुई होनी चाहिए।
डिकेथलॉन एवं हैप्टाथलॉन –यह 10 स्पर्धाओं की प्रतियोगिता होती है। यह प्रतियोगिता दो दिवसीय होती है, जिसमें पुरुषों हेतु प्रथम दिन 100 मीटर धावन, लम्बी कूद, गोला क्षेपण,ऊंची कूद तथा 400 मीटर दौड़ और दूसरे दिन 110 मी घोडी टाप, डिस्कस क्षेपण, पोल उछाल, भाला क्षेपण तथा 1,500 मीटर दौड़ और महिलाओं हेतु मात्र 7 प्रतियोगिता होती हैं।
प्रमुख कप एवं ट्रॉफियां—
चारमीनार ट्रॉफी, फेडरेशन कप, वर्ल्ड कप, राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक प्रतियोगिता, सेंट सिल्वेस्टर | मैराथन, एशियाई एथलेटिक चैम्पियनशिप, आदि।
प्रमुख खिलाड़ी—
अजमेर सिंह, ओलीकरा, हरनेक सिंह, जिम्मी कॉम्पटन, मिल्खासिंह, प्रवीन कुमार, टी.सी. योहनन, सुच्चा सिंह, कमलजीत सिन्धु, बहादुर सिंह, परमजीत सिंह,सुनीता रानी, लेखा थॉमस, साहिब सिंह, राजीव बाला कृष्णन, जी. जी. प्रोमिला, जटाशंकर, लिजोडेविड, साओफेओलो पालटरगट, ओलिवेरो जेवरिक, हेंक्रिक रामाला, एलीजाह किपटा रेबी लगात, फुकुओका, नीलम जे. सिंह, पी. टी. ऊषा, सरस्वती डे, रचिता मिस्त्री, ई. बी. शैला, झाना पिन्टूसेविच, मोरिस ग्रीन, कैथी फ्रीमैन, सेमी किपकेटर, बेन जॉनसन, कार्ल लुईस, फ्रेंकी फ्रेड्रिक्स, कैथरीन मैरी, तात्याना कोतोव टिम मोंटगोमरी, आदि।
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