CTET Exam paper 31 January 2021 – Paper 1 (Answer Key) Child Development and Pedagogy

CTET Exam paper 31 January 2021 – Paper 1 (Answer Key) Child Development and Pedagogy

CTET Exam paper 31 January 2021 – Paper 1 (Answer Key) Child Development and Pedagogy, The Official CTET Answer Key 2021 for Paper 1 and Paper 2 of the Central Teacher Eligibility Test Examination held on 31 January 2021 .

CTET 2021 Exam Question Paper I And II Answer Key – 31 January 2021 CTET Question Paper Answer Key All Sets  . उम्मीदवारो ने  31 January 2021 को CTET Exam दिया है .CTET Exam Paper 31 January 2021 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।

Exam Paper :- Central Teacher Eligbility Test ( CTET )
Part =   1 ( CHILD DEVELOPMENT AND PEDALOGY )
Exam Date =  31  January 2021
Exam Time = 9:30 am to 12:00 Pm
Total Question =   30
Paper   1st

CTET Exam paper 31 January 2021 – Paper 1 (CDP)

Part – I
Child Development and Pedagogy (बाल विकास व शिक्षा शास्त्र)

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों (प्र. संख्या 1 से 30) केरल देने के लिए सही सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :
1. अधिगम के लिए निम्न में से कौन-सी धारणा उपयुक्त है ?
(1) असफलता अनियंत्रित है।
(2) योग्यता सुधार्य है।
(3) योग्यता अटल है।
(4) प्रयासों से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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Answer –  2 

2. निम्न में से कौन-सी परिपाटी, विद्यार्थियों में संकल्पनात्मक समझ में बढ़ोतरी करने में सहायक है?
(1) अन्वेषण और संवाद
(2) प्रतिस्पर्धा आधारित प्रतिस्पर्धाएँ
(3) पाठ्य-पुस्तक-केंद्रित शिक्षाशास्त्र
(4) वारंवार परीक्षाएं

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Answer –  1 

3. बच्चों को सीखने में कठिनाई होती है, जब-
(1) विषय-वस्तु को बहुरूपों में प्रस्तुत किया गया हो।
(2). सूचना अलग-अलग टुकड़ों में प्रस्तुत की जाए।
(3) वो आंतरिक रूप से अभिप्रेरित हो ।
(4) अधिगम सामाजिक संदर्भ में हो ।

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Answer – 3  

4. अधिगम की सर्वोत्तम अवस्था कौन सी है?
(1) कोई उत्तेजना नहीं, कोई भय नहीं
(2) उच्च उत्तेजना, उच्च भय
(3) निम्न उत्तेजना, उच्च भय।
(4) संतुलित उत्तेजना, कोई भय नहीं

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Answer –  4 

5. अधिगम का संरचनात्मक विचार यह सुझाव देता है कि ज्ञान की संरचना में
(1) बच्चे पूर्ण रूप से पाठ्य-पुस्तकों पर निर्भर ” रहते हैं।
(2) बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती।
(3) बच्चे पूर्ण रूप से वयस्कों पर निर्भर रहते हैं।
(4) बच्चे सक्रिय भूमिका निभाते हैं ।

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Answer –  4 

6.एक कार्य के दौरान, सायना स्वयं से बात कर रही । है कि वह कार्य पर किस प्रकार प्रगति कर सकती है। लेव वायगोत्स्की के भाषा और चिंतन/सोच के बारे में दिए गए विचारों के अनुसार, इस तरह का ‘व्यक्तिगत वाक’ क्या दर्शाता है ?
(1) मनोवैज्ञानिक विकार
(2) संज्ञानात्मक अपरिपक्कता
(3) स्व: नियमन
(4) आत्म-केन्द्रिता

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Answer –  2 

7. मूल्यांकन पद्धतियों का लक्ष्य होना चाहिए-
(1) पुरस्कार-वितरण हेतु उच्च-अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पहचान करना ।
(2) विद्यार्थियों को नामांकित करना ।
(3) योग्यता-आधारित समूहों में विद्यार्थियों को विभाजित करना।
(4) विद्यार्थियों की जरूरतों एवम् आवश्यकताओं की पहचान करना।

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Answer –   4

8. बच्चों के विकास की व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस पर प्रतिरोपित किया जा सकता है ?
(1). आनुवंशिकता एवम् पर्यावरण की पारस्परिकता पर
(2) केवल आनुवंशिकता पर
(3) केवल पर्यावरण पर
(4) ना आनुवंशिकता पर ना पर्यावरण पर

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Answer –  1 

9. एक खेल क्रिया के दौरान चोट लगने पर रोहन लगा । यह देखकर उसके पिता ने करा “लड़कियों की तरह व्यवहार ना करो; लड़के रोने नहीं हैं।” पिता का यह कथन
(1) लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
(2) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को दर्शाता है।
(3) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को चुनौती देता है।
(4) लैंगिक भेदभाव को कम करता है।

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Answer –  1 

10. एक प्रगतिशील कक्षा में

(1) विद्यार्थियों को उनके अकादमिक अंकों के आधार पर नामांकित करना चाहिए।

(2) अध्यापक को अटल पाठ्यक्रम का पालन, करना चाहिए।

(3) विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा पर बल देना चाहिए।
(4) ज्ञान की संरचना के लिए प्रचुर मौके प्रदान करने चाहिए।

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Answer –   3

11. एक गतिविधि के दौरान, छात्रों को संघर्ष करते देख, एक अध्यापिका बच्चों को संकेत और इशारे जैसे -‘क्या, क्यों, कैसे’ प्रदान करने का फैसला लेती है । लेव वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अध्यापिका की यह योजना-
(1) अधिगम की प्रक्रिया में अर्थहीन होगी ।
(2) बच्चों को अधिगम के लिए अनुत्प्रेरित/निष्प्रेरित करेगी।
(3) अधिगम के लिए पाड़/आधारभूत संरचना का काम करेगी।
(4) छात्रों में प्रत्याहार/निकास प्रवृत्तियां पैदा करेगी।

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Answer –  3 

12. बचों के समाजीकरण के संदर्भ में निम्न में से कौनसा कथन सही है ?
(1) परिवार एवम् जन-संचार दोनों समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
(2) विद्यालय समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है और परिवार समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है।
(3) विद्यालय समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है और समकक्षी समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
(4) समकक्षी समाजीकरण के प्राथमिक कारक हैं और परिवार समाजीकरण का एक  द्वितीयक कारक है।

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Answer –  2 

13. बहु-बुद्धि का सिद्धांत जोर देता है कि-
(1) बुद्धिमत्ता में कोई व्यक्तिगत विभिन्नताएँ ‘ नहीं होती हैं।
(2) बुद्धि-लब्धि केवल वस्तुनिष्ठ परीक्षणों द्वारा ही मापी जा सकती है।
(3) एक आयाम में बुद्धिमत्ता, अन्य सभी आयामों में बुद्धिमत्ता निर्धारित करती है ।
(4). बुद्धिमत्ता की विभिन्न दशाएँ हैं।

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Answer –   3

14. लॉरेंस कोलबर्ग के सिद्धांत के अनुसार, “किसी कार्य को इसीलिए करना, क्योंकि दूसरे इसे स्वीकृति देते हैं”, नैतिक विकास के__चरण को दर्शाता है।
(1) अमूर्त संक्रियात्मक
(2) प्रथा-पूर्व
(3) प्रथागत
(4) उत्तर-प्रथागत

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Answer –  2 

15. विकास के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
(1) विकास बहुआयामी होता है।
(2) विकास की दर, सभी संस्कृतियों में सभी के लिए समान होती है।
(3) विकास केवल विद्यालय में होने वाले अधिगम से ही होता है।
(4) विकास केवल बाल्यावस्था के दौरान ही होता है।

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Answer –   

16. लेव वायगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, अधिगम प्रक्रिया में ___ के महत्त्व पर जोर देता है।
(1) संतुलीकरण
(2) सांस्कृतिक उपकरणों
(3) गुणारोपण
(4) अभिप्रेरणा

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Answer – 2  

17. जीन पियाजे अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, संज्ञानात्मक संरचनाओं को__के रूप में वर्णित करते हैं।
(1) स्कीमा/मनोबंध
(2) मनोवैज्ञानिक उपकरणों
(3) उद्दीपक-अनुक्रिया संबंध
(4) विकास का समीपस्थ क्षेत्र

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Answer –  1 

18. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था में विकास का मुख्य गुण क्या होता है ?
(1) संरक्षण और पदार्थों को क्रमबद्ध करने की क्षमता
(2) अमूर्त सोच का विकास
(3) विचार/सोच में केंद्रीकरण
(4) परिकल्पित-निगमनात्मक सोच

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Answer –  3 

19. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (2016) के अनुसार, निम्न में से किस शब्दावली का प्रयोग उपयुक्त है ?
(1) छात्र जिसका अशक्त शरीर है।
(2) मंदित छात्र
(3) विकलांग छात्र
(4). छात्र जिसे शारीरिक दिव्यांगता है।

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Answer –  4 

20. जन्म से किशोरावस्था तक बच्चों में विकास किस क्रम में होता है ?
(1) अमूर्त, मूर्त, सांवेदिक
(2) सांवेदिक, मूर्त, अमूर्त
(3) अमूर्त, सांवेदिक, मूर्त
(4) मूर्त, अमूर्त, सांवेदिक

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Answer –  2 

21. एक प्रगतिशील कक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस प्रकार देखा जाना चाहिए ?

(1) अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया की परियोजना के लिए महत्त्वपूर्ण।
(2) अधिगम की प्रक्रिया में बाधा ।
(3) अध्यापक के पक्ष पर असफलता ।
(4) योग्यता-आधारित समूह बनाने का मापदंड ।

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Answer –  1 

22. एक समावेशी कक्षा में ____ पर जोर होना चाहिए।
(1) हर बच्चे के सामर्थ्य को अधिकतम करने के लिए अवसर प्रदान करने
(2) प्रदर्शन-अभिमुखी लक्ष्यों
(3) अविभेदी/समरूपी निर्देशों
(4) सामाजिक पहचान के आधार पर छात्रों के अलगाव

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Answer –   1

23. समस्या-समाधान क्षमताओं को किस प्रकार सुसाध्य किया जा सकता है?
(1) विद्यार्थियों में डर की भावना पैदा कर ।
(2) लगातार अभ्यास और कार्यान्वयन पर जोर देकर।
(3) समस्याओं के हल हेतु अटल प्रक्रिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर।
(4). समरूपों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर ।

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Answer –  2 

24. अधिगम कठिनाइयों से जूझते छात्रों की जरूरतों को संबोधित करने के लिए, एक अध्यापक को क्या नहीं करना चाहिए ?
(1) शिक्षाशास्त्र और आकलन की जटिल संरचनाओं का प्रयोग।
(2) दृश्य-श्रव्य सामग्रियों का इस्तेमाल ।
(3) संरचनात्मक शिक्षाशास्त्रीय उपागमों का इस्तेमाल।
(4) व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाना ।

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Answer –   *

25. सर्जनात्मकता की पहचान का प्रमुख लक्षण क्या
(1) असतर्कता
(2) कम परिज्ञानता/वोधगम्यता
(3) अपसारी चिंतन

(4) अतिसक्रियता

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Answer –  3 

26. विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं को संबोधित करने हेतु, एक अध्यापक को
(1) ऐसे कथनों का इस्तेमाल करना चाहिए जो नकारात्मक रूदिबद्ध धारणाओं को मजबूत करें।
(2) विविधता संबंधी मुद्दों पर बातचीत टालनी चाहिए।
(3) विविध विन्यासों से उदाहरण लेने चाहिए।
(4) सभी के लिए मानकीकृत आंकलनों का इस्तेमाल करना चाहिए।

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Answer –   3

27. एक अध्यापिका को, दिये गए किसी कार्यकलाप में छात्रों की विभिन्न त्रुटियों का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि
(1) अधिगम केवल त्रुटियों के शोधन पर निर्भर
(2) इसके आधार पर वह दंड की मात्रा निर्धारित कर सकती है।
(3) त्रुटियों की समझ, अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया के लिए अर्थपूर्ण है।
(4) इसके आधार पर वह ज्यादा त्रुटियाँ करने वाले छात्रों को दूसरे छात्रों से अलग कर सकती है।

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Answer –  3 

28. अधिगम की अभिप्रेरणा को किस प्रकार कायम रखा जा सकता है?
(1) यंत्रवत याद करने पर जोर देकर।
(2) बच्चे को दंड देकर ।
(3) प्रवीणता-अभिमुखी लक्ष्यों पर जोर देकर।
(4) बच्चों को बहुत आसान क्रियाकलाप देकर।

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Answer – 3  

29. शर्मिंदगी –
(1) के भाव को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया में – बारंबार पैदा करना चाहिए।
(2) का संज्ञान से कोई संबंध नहीं है।
(3) का संज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
(4) बच्चों को अधिगम हेतु अभिप्रेरित करने के लिए बहुत प्रभावशाली है।

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Answer –   3

30. निम्न में से अध्यापन-अधिगम का सबसे प्रभावशाली माध्यम कौन सा है ?
(1) अनुकरण/नकल और दोहराना
(2) विषय-वस्तु को यंत्रवत याद करना
(3) संकल्पनाओं के बीच संबंध खोजना
(4) बिना विश्लेषण के अवलोकन करना

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Answer –  3 
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