ई-कॉमर्स (E-Commerce) का परिचय & इतिहास

ई-कॉमर्स (E-Commerce) का परिचय & इतिहास (E-Commerce Kya Hai)

E-Commerce Kya Hai

  • ई-कॉमर्स (E-Commerce) में E से अर्थ इलैक्ट्रॉनिक (Electronic ) से है तथा कॉमर्स से अभिप्राय व्यावसायिक लेन-देन से है । अतः ई-कॉमर्स एक ऐसा व्यापारिक लेन देन है, जिसमें क्रेता-विक्रेता आमने सामने ना होकर (Electronic) उपकरण अर्थात् कम्प्यूटर के द्वारा किसी वस्तु का क्रय-विक्रय करते हैं। इसके लिए यह अतिआवश्यक है कि क्रेता-विक्रेता के कम्प्यूटर इन्टरनेट, इन्ट्रानेट या एक्स्ट्रानेट जैसे बड़े नेटवर्क (Network) से जुड़े हों ।
  • ई-कॉमर्स के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन मिला है। इसके कारण क्रेता-विक्रेता चाहें अलग- अलग देश के हों वे आपस में व्यापार कर सकते हैं
  • अन्य शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि ई-कॉमर्स एक फ्रेमवर्क है जिसमें सभी कम्प्यूटर्स क बड़े कम्प्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं । जहाँ विक्रेता अपनी वस्तु की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से देता है। क्रेता उस विज्ञापन को देखकर उस वस्तु की जानकारी प्राप्त करता है तथा आवश्यकतानुसार वह उस वस्तु को खरीदता है ।
  • ई-कॉमर्स एक ऐसी तकनीक है जिसके अन्तर्गत कम्यूनिकेशन व सूचना के आदान-प्रदान का प्रयोग किया जाता है। वास्तव में यह एक एप्लीकेशन होती है जो ट्रेडिंग करने वाले क्रेता-विक्रेता के व्यापारिक उद्देश्यों को भी पूरा करती है। इस एप्लीकेशन पर Online shopping, Online purchasing आदि की जा सकती है। इसमें क्रेता व विक्रेता इन्टरनेट के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं ।
  • व्यवसाय के कम्प्यूटरीकरण को भी ई-कॉमर्स कहा जा सकता है। जिसके अन्तर्गत सीधे किए जाने वाले Traditional व्यवसाय को कम्प्यूटर के द्वारा किया जाता है। इससे समय व धन दोनों की बचत होती है।

ई-कॉमर्स के चार मुख्य मॉडल हैं:

  1. बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी)
  2. बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी)
  3. कंज्यूमर-टू-बिजनेस (सी2बी)
  4. कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर (सी2सी)

ई – कॉमर्स का इतिहास ( History of E-commerce) :

किसी भी खोज के पीछे कोई उद्देश्य होता है, ऐसा ही उद्देश्य ई-कॉमर्स के लिये भी था । व्यवसाय में यह आवश्यकता महसूस की गयी कि किस प्रकार कम्प्यूटर एवं कम्प्यूटर तकनीक का बेहतर उपयोग ग्राहकों से सम्पर्क करके विचार एवं सूचनाओं के आदान प्रदान में किया जाए। इसी आवश्यकता ने ई- कामर्स को जन्म दिया ।

ई-कॉमर्स की यात्रा का विवरण इस प्रकार रहा —

  • 1970 में बैंकों में परस्पर फण्ड ट्रांसफर (E.F.T.) का कार्य आरंभ हुआ ।
  • 1970 से 1980 तक ई-कॉमर्स का विस्तार कॉर्पोरेट जगत में हुआ जिसमें ई-संचार तकनीकी (Electronic Messaging Technology) इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज (EDI) तथा ई-मेल का उपयोग प्रमुख रहा। इससे कागजी कार्य (Paper work) कम होता गया और स्वचालन (Auto- mation) बढ़ता गया।
  • 1980 से 1990 तक ई-संचार तकनीक कार्य प्रवाह का एक अभिन्न भाग बन गई और ग्रुप कम्प्यूटिंग सिस्टम का उपयोग होने लगा ।
  • 1980 के मध्य से ई-कॉमर्स तकनीक का विस्तार उपभोक्ताओं तक पहुँचने लगा और ऑन लाइन सेवाओं का प्रचलन प्रारंभ हुआ जिससे ग्लोबल विलेज की अवधारणा का उदय हुआ ।
  • 1990 में ही इन्टरनेट पर वर्ल्ड वाइड वेब (www) के आगमन से ई-कॉमर्स का काया- कल्प हो गया। इसके द्वारा व्यावसायिक गतिविधियों में नयी विविधताओं का प्रचलन हुआ

E-Commerce Kya Hai FAQs-

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का परिचय क्या है?

  • इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का परिचय इंटरनेट का उपयोग करके चीजें खरीदने और बेचने का एक तरीका है।

ई कॉमर्स की शुरुआत कब हुई?

  • ई-कॉमर्स की शुरुआत बहुत पहले 1960 के दशक में सूचना भेजने के एक विशेष तरीके के साथ हुई थी 
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