भारत की प्राचीन सभ्यताएँ ( Indian Ancient History In Hindi )
1. मिश्र की सभ्यता (3000-1750 BC)
- यह काँस्य युगीन सभ्यता नील नदी के किनारे पनपी। मिश्र को नील नदी का उपहार कहा जाता है।
• इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ—
- मिश्र के राजा ‘फेरोह’ कहलाते थे।
- वे मृत्यु के बाद भी जीवन में विश्वास करते थे। इसलिए वे शवों को बहुत ध्यान से रखते थे जिन्हें ‘ममी’ कहा जाता था।
- मिश्र के पिरामिड महान राजाओं की कब्र हैं। काहिरा के निकट गीजा का पिरामिड विश्वविख्यात है।
- स्फिंक्स भी इस सभ्यता की प्रमुख देन है। यह शेर क धड़ एवं मानव के सिर वाला प्राणी है।
- नील नदी के किनारे कारनाक में अबू सिम्बल का मन्दिर (सूर्य देवता का मन्दिर) बहुत ही महत्त्वपूर्ण इमारत है। 1950 ई. में जब आस्वान बाँध का निर्माण किया गया तो इसे खिसकाकर बचाया गया।
- हीरोग्लायफिक लिपि (Hieroglyphic Script) – मिश्र लिपि हीरोग्लायफिक लिपि कहलाती है। इसे फ्रांस के महान् पुरालिपि शास्त्री (Decipherer) केम्पोलियन (1790-1832 ई.) ने पढ़ा।
- गणित व विज्ञान – मिश्रवासियों ने त्रिभुज व आयत के क्षेत्रफल की गणना का तरीका खोजा। सौर कलैण्डर का आविष्कार किया। उन्होंने ही यह निष्कर्ष निकाला कि वर्ष में 365 दिन होते हैं और प्रत्येक वर्ष में 12 माह होते हैं व एक माह में तीस दिन होते हैं।
2. चीनी सभ्यताः
- यह भी एक कांस्य युगीन सभ्यता थी, जो चीन में ह्वांग-हो नदी किनारे पनपी। यह नदी ‘चीन का दु:ख’ कही जाती है।
- प्रारम्भिक चीनी सभ्यता ‘शांग सभ्यता’ थी। शांग शासकों ने लगभग 1765 से 1122 ई.पू. तक शासन किया। उसके बाद ‘चाऊ सभ्यता’ आई।
चीनी सभ्यता की विशेषताएँ-
- चीनी कलैण्डर सौर व चन्द्र कलैण्डर का मिश्रित रूप था। चीनियों ने वर्ष की एकदम ठीक अवधि 365/4 दिन ज्ञात की।
- यह सभ्यता प्रथम सभ्यता थी, जिसमें नागरिक सेवाओं में भर्ती प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर की जाती थी।
- पेपर का आविष्कार सर्वप्रथम चीन में हुआ।
- चीन में जल घड़ी, अबेकस (Abacus) तथा सिस्मोग्राम का आविष्कार हुआ। चीनियों ने पाई (
) के मूल्य की गणना की।
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