Muhammad Ghori history in Hindi

मोहम्मद ग़ोरी का इतिहास

पूरा नाम (Name) सुलतान शाहबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी
अन्य नाम मुइज़ अद-दिन मुहम्मद, शिहब अद-दिन
जन्म (Birthday) 1149 ई, ग़ोर, अफ़ग़ानिस्तान (पुख्ता प्रमाण नहीं)
मृत्यु (Death) 15 मार्च, 1206 ई., झेलम क्षेत्र, पाकिस्तान
  •  भारतीय इतिहास में मोहम्मद गौरी की गिनती महानतम शासकों में होती है। मोहम्मद गौरी एक निर्भीक और साहसी अफगान योद्धा था, जिसने गजनी साम्राज्य के अधीन गोर नामक राज पर अपना सिक्का चलाया था। वहीं भारत में तुर्क साम्राज्य की स्थापना का श्रेय भी मोहम्मद गोरी को ही दिया जाता है। मोहम्मद गोरी एक अपराजित विजेता और सैन्य संचालक भी था।
  • मुहम्मद बिन कासिम के बाद महमूद गजनवी और फिर उसके बाद मोहम्मद गोरी ने क्रूरता के साथ भारत में लूटपाट की और आक्रमण किया। हालांकि गौरी का मकसद भारत में मुस्लिम राज्य को स्थापित करना था। इसके लिए मोहम्मद गोरी ने पूरी योजना के साथ साल 1179 से 1186 के बीच पहले पंजाब पर अपना आधिपत्य जमाया था और फिर 1179 में स्यालकोट को भी अपने अधीन कर लिया था।

मोहम्मद ग़ोरी के इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य–

  • मुईजुद्दीन मुहम्मद बिन साम को ही मुहम्मद गोरी कहा जाता था। वह 1173 ई. में शासक बना।
  • मुहम्मद गोरी का प्रथम आक्रमण 1178 ई. में मुल्तान पर हुआ उस समय मुल्तान पर करमाथी जाति का शासक था।
  • 1178 ई. में गोरी ने गुजरात पर आक्रमण किया किन्तु भीम द्वितीय (मूलराज द्वितीय) ने उसे आबू पर्वत के पास पराजित किया। भारत में यह मुहम्मद गोरी की पहली पराजय थी।
  • तराइन के प्रथम युद्ध-– 1191 ई. में मुहम्मद गोरी को पृथ्वीराज चौहान ने परास्त किया।
  • तराइन के द्वितीय युद्ध– 1192 ई. में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को परास्त किया।
  • चन्दावर के युद्ध– 1194 ई. में मुहम्मद गोरी ने जयचन्द को पराजित किया।
  • मुहम्मद गोरी की मुख्य सफलता उसकी उत्तर भारत की विजय थी। वास्तव में भारत में तुर्की राज्य की नींव उसी ने डाली।
  • 1206 ई. में गोरी की मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने भारत में नये वंश की नींव डाली। जिसे गुलाम वंश कहा गया।
  • मुहम्मद गोरी ने भारत में प्रथम इक्ता कुतुबुद्दीन ऐबक को (1203-04 ई. में) प्रदान किया था। मुहम्मद गोरी के सिक्कों पर एक ओर कलमा खुदा था तथा दूसरी ओर लक्ष्मी की आकृति अकित रहती थी।
  • मुहम्मद गोरी, जिसने बंगाल एवं बिहार पर विजय प्राप्त करने के लिए अपने गुलाम व सेनापति बख्तियार खिलजी को भेजा।
  • बख्तियार खिलजी ने बिहार विजय के दौरान नालंदा एवं विक्रमशिला विश्व विद्यालय को नष्ट किया।

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